
केदारनाथ यात्रा में मौसम बनी चुनौती, बार-बार रोकनी पड़ रही यात्रा, 2,167 फंसे श्रद्धालुओं को किया गया रेस्क्यू
रुद्रप्रयाग: केदारनाथ यात्रा मार्ग पर मौसम लगातार श्रद्धालुओं के लिए मुश्किलें खड़ी कर रहा है। खासकर सोनप्रयाग-गौरीकुंड और पैदल मार्ग पर कई जगहों पर भूस्खलन हो रहा है, जिससे यात्रा को बार-बार रोकना पड़ रहा है। जिला प्रशासन ने इन मार्गों पर कई डेंजर जोन चिन्हित किए हैं, जहां एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और पुलिस बल तैनात हैं।
शुक्रवार को इन सुरक्षाबलों ने करीब 2,167 तीर्थयात्रियों को सुरक्षित रेस्क्यू कर निकाला। गौरीकुंड से एक किलोमीटर आगे नया भूस्खलन जोन बनने से मार्ग अवरुद्ध हो गया था। भारी बारिश के चलते मलबा और बड़े-बड़े बोल्डर रास्ते पर गिरते रहे, जिससे पैदल और वाहन दोनों मार्ग बाधित हो गए।
गुरुवार रात तेज बारिश के बाद छोरी गदेरे के पास हुए भारी भूस्खलन के कारण हजारों श्रद्धालु मार्ग में ही फंस गए थे। हालांकि शुक्रवार दोपहर बाद एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की मदद से पैदल मार्ग को फिर से खोलकर सभी यात्रियों को सुरक्षित निकाला गया।
तीन अति संवेदनशील क्षेत्र चिन्हित:
सोनप्रयाग से गौरीकुंड के बीच तीन अति संवेदनशील भूस्खलन क्षेत्र चिन्हित किए गए हैं। इन स्थानों पर जेसीबी, पोकलैंड, मेडिकल स्टाफ, राहत सामग्री और अन्य आवश्यक संसाधनों के साथ टीमें तैनात की गई हैं।
इसके अलावा मुनकटिया, काकरागाढ़ और अन्य 17 संवेदनशील स्थलों पर भी जेसीबी मशीनें तैनात हैं ताकि मार्ग बंद होने की स्थिति में तुरंत मलबा हटाया जा सके।
अधिशासी अभियंता ओंकार पांडे ने बताया कि मार्ग में अवरोध उत्पन्न होने की स्थिति में राहत दल तुरंत सक्रिय हो जाता है और सामान्य परिस्थितियों में मार्ग शीघ्र सुचारू कर दिया जाता है। हालांकि, भारी बारिश और बड़े बोल्डर गिरने के कारण थोड़ी परेशानियां जरूर आ रही हैं।
जिला प्रशासन ने गौरीकुंड, भीमबली, जंगल चट्टी, लिनचोली आदि को संभावित जोखिम वाले क्षेत्र मानते हुए यहां पुलिस, एसडीआरएफ, एनडीआरएफ और डीडीआरएफ की टीमें पूरी तैयारी के साथ तैनात की हैं।
इस समय केदारनाथ यात्रा मार्ग पर सुरक्षा और सतर्कता सर्वोच्च प्राथमिकता पर है ताकि श्रद्धालुओं को सुरक्षित और सुचारू दर्शन अनुभव मिल सके।



