
धार्मिक स्थलों के विकास को लेकर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने दिए निर्देश, मंसा देवी मंदिर सहित कई प्रमुख धामों में सुविधाएं होंगी बेहतर
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने देहरादून स्थित सचिवालय में आयोजित एक उच्चस्तरीय बैठक में राज्य के प्रमुख धार्मिक स्थलों — मंसा देवी मंदिर, नीलकंठ महादेव, धारी देवी, पूर्णागिरी मंदिर, कैंची धाम और जागेश्वर — के सुव्यवस्थित विकास को लेकर आवश्यक निर्देश दिए। मुख्यमंत्री कार्यालय (CMO) के अनुसार, यह निर्णय तीर्थयात्रियों और श्रद्धालुओं की बढ़ती संख्या को ध्यान में रखते हुए लिया गया है।
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को मंसा देवी मंदिर की सीढ़ियों से अतिक्रमण तत्काल हटाने और मार्ग चौड़ीकरण की कार्यवाही शीघ्र शुरू करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि मंदिर परिसर की केरिंग कैपेसिटी बढ़ाई जाएगी, दुकानों को सुव्यवस्थित किया जाएगा और दर्शन प्रणाली को और अधिक सशक्त बनाया जाएगा।
साथ ही मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि सभी प्रमुख मंदिरों में श्रद्धालुओं का पंजीकरण अनिवार्य किया जाए और दर्शन की संख्या को नियंत्रित कर बेहतर प्रबंधन सुनिश्चित किया जाए।
मुख्यमंत्री धामी ने यह भी कहा कि इन कार्यों के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए एक समिति गठित की जाएगी, जिसकी अध्यक्षता गढ़वाल और कुमाऊं मंडल के मंडलायुक्त करेंगे। इस समिति में जिलाधिकारी, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, विकास प्राधिकरणों के उपाध्यक्ष तथा कार्यदायी संस्थाएं शामिल होंगी।
सरकार का उद्देश्य तीर्थस्थलों पर श्रद्धालुओं को बेहतर सुविधाएं देना और व्यवस्थाओं को व्यवस्थित बनाना है, जिससे धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा मिल सके।




