उत्तराखंड

धामी सरकार की बड़ी कैबिनेट बैठक: महिला सशक्तिकरण से लेकर UCC तक आठ अहम फैसलों को मिली मंजूरी!!

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मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में सोमवार को हुई उत्तराखंड कैबिनेट बैठक में राज्य के विकास, सुशासन और पारदर्शिता को बढ़ावा देने वाले आठ बड़े प्रस्तावों को हरी झंडी मिली। बैठक में महिला सशक्तिकरण, स्वास्थ्य सेवाओं, कर्मचारियों के हित और यूनिफॉर्म सिविल कोड (UCC) से जुड़े महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए। सचिव शैलेश बगौली ने सचिवालय स्थित मीडिया सेंटर में इन फैसलों की जानकारी दी।

UCC में बड़ा बदलाव — नेपाली, तिब्बती और भूटानी नागरिकों को राहत
कैबिनेट ने यूनिफॉर्म सिविल कोड के तहत विवाह पंजीकरण प्रक्रिया को सरल बनाते हुए ऐतिहासिक निर्णय लिया है। अब विवाह पंजीकरण के लिए आधार कार्ड के साथ नागरिकता प्रमाणपत्र, मिशन द्वारा जारी पहचान पत्र या विदेशी पंजीकरण अधिकारी का प्रमाण पत्र भी वैध माना जाएगा। इससे नेपाल, तिब्बत और भूटान के समुदायों को बड़ी सुविधा मिलेगी और पंजीकरण प्रणाली और अधिक पारदर्शी बनेगी।

मिनी आंगनबाड़ी केंद्र अब पूर्ण केंद्र बनेंगे:
महिलाओं को राहत देने के लिए सरकार ने मिनी आंगनबाड़ी केंद्रों को पूर्ण आंगनबाड़ी केंद्रों में अपग्रेड करने का निर्णय लिया है। साथ ही, 50% आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को सुपरवाइजर पद पर पदोन्नति की स्वीकृति भी दी गई। यह कदम महिला सशक्तिकरण और ग्रामीण स्तर पर बाल विकास को नई दिशा देगा।

स्वास्थ्य कर्मियों के तबादले में राहत:
दूरस्थ क्षेत्रों में कार्यरत स्वास्थ्य कर्मियों के लिए सरकार ने नियमों में छूट दी है। अब स्वास्थ्य कर्मचारी अपने पूरे कार्यकाल में एक बार पहाड़ से मैदान या मैदान से पहाड़ तबादले के लिए विशेष अनुमति प्राप्त कर सकेंगे।

सरकारी कर्मचारियों के लिए पदोन्नति नियमों में सुधार:
राज्य सरकार ने कार्मिक विभाग से जुड़ा बड़ा निर्णय लेते हुए यह तय किया है कि कर्मचारियों को जीवनकाल में एक बार शिथिलीकरण का लाभ और एक ही सेवा में दो पदोन्नति के अवसर मिलेंगे। इससे पदोन्नति प्रक्रिया में पारदर्शिता और उत्साह दोनों बढ़ेंगे।

रायपुर फ्री जोन में छोटे घरों को मंजूरी:
देहरादून के रायपुर फ्री जोन में छोटे आवास निर्माण की अनुमति दी गई है। यह फैसला सीमित बजट वाले परिवारों को राहत देगा और ‘सबका घर’ मिशन को गति प्रदान करेगा।

निगमों के लिए नई लाभांश नीति लागू:
अब राज्य के निगमों को कर के बाद प्राप्त लाभ का 15% हिस्सा राज्य सरकार को देना अनिवार्य होगा। यह नीति सरकारी उपक्रमों की जवाबदेही और राज्य की राजस्व व्यवस्था दोनों को सशक्त करेगी।

राज्य स्थापना दिवस पर विधानसभा का विशेष सत्र:
उत्तराखंड के 25वें स्थापना दिवस के अवसर पर देहरादून में विशेष विधानसभा सत्र आयोजित होगा। इसकी तिथि तय करने का अधिकार मुख्यमंत्री को दिया गया है।

विकास और सुशासन की दिशा में नया कदम:
मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि, “सरकार पारदर्शिता, जनसुविधा और विकास के लिए निरंतर प्रयासरत है। ये फैसले जनता को सीधा लाभ देंगे और राज्य की प्रगति को गति देंगे।”

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