उत्तराखंड में बाहरी वाहनों पर ग्रीन सेस लगेगा, मसूरी की सैर अब होगी महंगी

मसूरी घूमना अब महंगा हो जाएगा। उत्तराखंड सरकार बाहरी राज्यों के वाहनों पर ग्रीन सेस (Green Cess) लगाने की तैयारी में है। इससे पहले मसूरी जाने वाले पर्यटकों को इको टैक्स (Eco Tax) देना पड़ता था, लेकिन अब उन्हें दोनों टैक्स — इको सेस और ग्रीन सेस — चुकाने होंगे।
मसूरी नगर पालिका ने वर्ष 2010 में पर्यावरण संरक्षण और स्वच्छता के लिए इको टैक्स वसूलना शुरू किया था। पहले यह टैक्स टोल के रूप में लिया जाता था, लेकिन अब इसे पीपीपी मोड में दे दिया गया है। वर्तमान वित्तीय वर्ष में इस मद से करीब 2 करोड़ 71 लाख रुपये की वसूली हो चुकी है।
पालिका के अनुसार इको टैक्स से होने वाली आमदनी को शहर के सौंदर्याकरण, पौधरोपण और सफाई व्यवस्था पर खर्च किया जाता है। वर्तमान दरों के अनुसार बड़ी बसों से ₹180, कारों से ₹60, स्कूटी-बाइक से ₹12, और मिनी बसों से ₹120 टैक्स वसूला जाता है। ग्रीन सेस जुड़ने के बाद कार से यह राशि बढ़कर लगभग ₹140 तक हो जाएगी।
परिवहन विभाग के अपर आयुक्त एस.के. सिंह ने बताया कि ग्रीन सेस से राज्य को हर साल लगभग 100 करोड़ रुपये का राजस्व मिलने का अनुमान है। इस राशि का उपयोग पर्यावरण संरक्षण, प्रदूषण नियंत्रण और सड़क सुरक्षा उपायों पर किया जाएगा।
उत्तराखंड में प्रतिदिन करीब 25,000 वाहन ग्रीन सेस के दायरे में आएंगे। वहीं फास्टैग सिस्टम के माध्यम से इस टैक्स की वसूली की जाएगी। इसके लिए परिवहन विभाग ने एक प्राइवेट कंपनी से करार किया है, जो ऑटोमेटेड नंबर प्लेट रिकग्निशन कैमरों की मदद से सेस वसूलेगी।



