इसरो ने रचा इतिहास: ‘बाहुबली’ रॉकेट से देश का सबसे भारी संचार उपग्रह CMS-03 सफलतापूर्वक लॉन्च

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने सोमवार को अपने सबसे शक्तिशाली रॉकेट LVM3-M5 के ज़रिए संचार उपग्रह CMS-03 को अंतरिक्ष की कक्षा में सफलतापूर्वक स्थापित कर देश की अंतरिक्ष क्षमताओं में एक और स्वर्णिम अध्याय जोड़ दिया। भारी पेलोड क्षमता के कारण इस रॉकेट को लोकप्रिय रूप से “बाहुबली” कहा जाता है।
करीब 4,410 किलोग्राम वजन वाला CMS-03, भारत से लॉन्च किया गया अब तक का सबसे भारी उपग्रह है, जिसे भू-समकालिक स्थानांतरण कक्षा (GTO) में भेजा गया है।
सटीक समय पर प्रक्षेपण:
सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र (श्रीहरिकोटा) के दूसरे लॉन्च पैड से शाम 05:26 बजे उड़ान भरते ही LVM3 ने आसमान में इतिहास लिख दिया। 43.5-मीटर लंबा यह रॉकेट लगभग 16–20 मिनट की उड़ान के बाद 180 किलोमीटर की ऊँचाई पर उपग्रह को निर्धारित कक्षा में तैनात करेगा।
पूरी तरह स्वदेशी ताकत का प्रदर्शन
LVM3 को तीन चरणों वाली विशेष संरचना—
>दो शक्तिशाली ठोस बूस्टर (S200)
>द्रव ईंधन आधारित कोर स्टेज (L110)
>और उन्नत क्रायोजेनिक स्टेज (C25) से बनाया गया है, जिससे ISRO को भारी संचार उपग्रहों को GTO में स्थापित करने में पूर्ण आत्मनिर्भरता मिलती है।
इस उपग्रह के संचालन में आने के बाद देश में:
>बेहतर संचार सेवाएँ
>ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी
>रणनीतिक संचार सपोर्ट को मजबूती मिलेगी।
ISRO का यह मिशन भारत को भविष्य की उन्नत स्पेस परियोजनाओं के लिए और अधिक तैयार करता है—जहाँ हम सिर्फ अंतरिक्ष अनुसंधान ही नहीं, बल्कि वैश्विक स्पेस मार्केट में मजबूत प्रतिस्पर्धी बनकर उभर रहे हैं।




