इमरान खान की बहनों पर पुलिस कार्रवाई का आरोप: अडियाला जेल के बाहर शांतिपूर्ण विरोध पर ‘क्रूर हमला’—निष्पक्ष जांच की मांग

पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की तीन बहनों ने पंजाब के पुलिस प्रमुख उस्मान अनवर को पत्र लिखकर अडियाला जेल के बाहर उन पर और PTI समर्थकों पर हुए कथित पुलिस हमले की निष्पक्ष जांच की मांग की है। इमरान खान 2023 से रावलपिंडी की अडियाला जेल में बंद हैं।
उनकी बहनें—नौरीन नियाज़ी, अलीमा खान और डॉ. उज़मा खान—पिछले एक महीने से मुलाकात न मिलने के कारण PTI कार्यकर्ताओं के साथ जेल के बाहर धरने पर बैठी थीं। इस दौरान, परिवार को कई बार बताया गया कि “सुरक्षा कारणों” के चलते मुलाकात संभव नहीं है। इसी बीच इमरान खान के कथित उत्पीड़न और सैन्य हस्तक्षेप की खबरें भी बार-बार सामने आती रही हैं।
लेकिन बहनों का आरोप है कि स्थित शांतिपूर्ण होने के बावजूद पुलिस ने अचानक हमला कर दिया, जिससे कई लोग घायल हुए।
नौरीन नियाज़ी ने पत्र में लिखा कि:
>“हम सिर्फ इमरान खान की तबियत को लेकर शांतिपूर्ण विरोध कर रहे थे।”
>“हमने न सड़क रोकी, न किसी को रोका, न कोई अवैध काम किया।”
>“अचानक स्ट्रीटलाइट बंद कर दी गई और अंधेरे में पुलिस ने बिना चेतावनी हमला कर दिया।”
उन्होंने आरोप लगाया—
>“मेरी उम्र 71 साल है। मुझे बालों से पकड़कर जमीन पर फेंका गया और सड़क पर घसीटा गया। मेरे शरीर पर चोट के निशान साफ दिख रहे हैं।”
>उनका कहना है कि वहां मौजूद कई महिलाओं को थप्पड़ मारे गए, खींचा गया और धक्का दिया गया।
>उनके अनुसार, यह हमला पिछले तीन वर्षों से जारी उस “पैटर्न” का हिस्सा है, जिसमें शांतिपूर्ण प्रदर्शनकारियों पर अनियंत्रित और अवैध बल का इस्तेमाल किया जाता रहा है।
>खान की बहनों ने पंजाब के IGP से मांग की है कि घटना में शामिल सभी पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई की जाए।
इमरान खान, जो PTI के पैट्रन-इन-चीफ हैं, अगस्त 2023 से कई मामलों में जेल में बंद हैं। पिछले एक महीने से मुलाकात पर अनौपचारिक प्रतिबंध लगा हुआ है। यहां तक कि खैबर पख्तूनख्वा के मुख्यमंत्री सोहेल अफरीदी तक को उनसे मिलने नहीं दिया गया—उन्होंने लगातार सात बार प्रयास किया, लेकिन जेल प्रशासन—जिस पर खान का आरोप है कि वह “सेना अधिकारी के नियंत्रण में है”—ने अनुमति देने से इंकार कर दिया।



