दित्वा तूफान का बढ़ता खतरा: भारत में अलर्ट, श्रीलंका में तबाही से 123 मौतें

दक्षिण-पश्चिम बंगाल की खाड़ी में सक्रिय चक्रवाती तूफान ‘दित्वा’ ने मौसम विभाग और तटीय राज्यों की चिंताएं बढ़ा दी हैं। तूफान लगातार उत्तर-पश्चिम दिशा की ओर बढ़ रहा है और 30 नवंबर की सुबह तक इसके उत्तरी तमिलनाडु, पुडुचेरी और दक्षिण आंध्र प्रदेश के तटों के बेहद करीब पहुंचने का अनुमान है। आज सुबह 8:30 बजे दित्वा का केंद्र श्रीलंका के पूर्व में लगभग 80 किलोमीटर और चेन्नई से करीब 380 किलोमीटर दक्षिण में दर्ज किया गया।
मौसम विभाग के अनुसार 29–30 नवंबर के दौरान तटीय तमिलनाडु, 30 नवंबर को आंध्र प्रदेश, यनम और रायलसीमा में भारी से अत्यधिक भारी बारिश की चेतावनी जारी की गई है।
29 नवंबर से 3 दिसंबर तक इन इलाकों में बिजली चमकने, आंधी और तेज हवाओं के साथ भारी बरसात की संभावना है।
केरल, माहे और दक्षिणी श्रीलंका के तटीय क्षेत्र भी इसका प्रभाव झेल रहे हैं।
उत्तर भारत में मौसम का मिजाज ठंडा होता जा रहा है। जम्मू-कश्मीर, लद्दाख और हिमाचल प्रदेश के कई इलाकों में न्यूनतम तापमान 6 डिग्री से नीचे दर्ज किया गया, जबकि उत्तराखंड, पंजाब, हरियाणा, दिल्ली और पश्चिमी यूपी में तापमान 6–10 डिग्री के बीच बना हुआ है।
श्रीलंका में दित्वा तूफान का भयंकर प्रहार:
भारत की ओर बढ़ने से पहले यह तूफान श्रीलंका में भारी तबाही मचा चुका है।
भारी बारिश और लगातार हो रही लैंडस्लाइड्स के कारण 123 लोगों की मौत हो गई है, जबकि 130 लोग अब भी लापता बताए जा रहे हैं।
डिज़ास्टर मैनेजमेंट सेंटर के अनुसार, लगभग 44,000 लोग बेघर हो चुके हैं और राहत शिविरों में शरण लिए हुए हैं।
कई क्षेत्रों में बचाव दल अभी तक पहुंच नहीं पाए हैं, जिससे मृतकों की संख्या और बढ़ने की आशंका जताई जा रही है।
पिछले एक सप्ताह से श्रीलंका में मौसम लगातार बिगड़ा हुआ है, जिससे स्थिति और गंभीर होती जा रही है।



