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17 साल के छात्र ने बनाया $300 में माइंड-कंट्रोल्ड आर्म, करोड़ों की मेडिकल टेक्नोलॉजी को दी चुनौती

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महज़ 17 साल के एक छात्र ने मेडिकल टेक्नोलॉजी की दुनिया में तहलका मचा दिया है। इस किशोर ने सिर्फ $300 (करीब ₹25,000) की लागत में दिमाग से नियंत्रित होने वाला कृत्रिम हाथ (माइंड-कंट्रोल्ड प्रोस्थेटिक आर्म) तैयार कर लिया—जबकि इसी तरह की उन्नत मेडिकल डिवाइस की कीमत बाजार में $4.5 लाख (₹3.7 करोड़) तक होती है।

घर पर बैठकर बनाए गए इस प्रोजेक्ट में छात्र ने AI, कम लागत वाली सामग्री और 23,000 लाइनों का कोड इस्तेमाल किया। खास बात यह है कि यह आर्म किसी भी सर्जरी, इम्प्लांट या महंगे इक्विपमेंट के बिना दिमाग के संकेत पढ़ लेता है।

AI और ऑटोमेशन विशेषज्ञ पास्कल बॉर्नेट ने X पर इसे शेयर करते हुए कहा कि यह सिर्फ “गुड-फील स्टोरी” नहीं है, बल्कि मेडिकल इंडस्ट्री के लिए एक चेतावनी है।

उन्होंने पूछा—
“जब एक हाई स्कूल छात्र 1500 गुना सस्ती तकनीक बना सकता है, तो लाखों ज़रूरतमंद लोग अभी भी महंगी डिवाइस का इंतज़ार क्यों कर रहे हैं?”

वे मानते हैं कि मेडिकल-ग्रेड डिवाइस की महंगी टेस्टिंग और सर्टिफिकेशन जरूरी हैं, लेकिन इससे करोड़ों की कीमतों को सही ठहराया नहीं जा सकता।
बॉर्नेट ने लिखा—
“ज़रूरतमंदों के लिए वास्तविक समाधान सिस्टम से नहीं आएगा… बल्कि उन युवा इनोवेटर्स से आएगा जो परंपराओं को चुनौती देने की हिम्मत रखते हैं।”

उन्होंने इसे एक संभावित तकनीकी क्रांति की शुरुआत बताया।

पास्कल बॉर्नेट कौन हैं?
पास्कल बॉर्नेट AI और ऑटोमेशन के दुनिया के टॉप 10 विशेषज्ञों में शामिल हैं। वे Forbes Technology Council के सदस्य हैं और Intelligent Automation किताब के लिए जाने जाते हैं। उन्होंने McKinsey और EY में AI और Automation प्रैक्टिस की स्थापना की है।

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