भारत में शरण में शेख हसीना का बड़ा बयान: पीएम मोदी और भारतीयों का आभार जताया

बांग्लादेश की अपदस्थ पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना, जो वर्तमान में भारत में शरण लिए हुए हैं, ने एक विशेष बातचीत में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भारतीय जनता के प्रति गहरा आभार व्यक्त किया है। उन्होंने कहा कि कठिन समय में भारत ने उन्हें न केवल सहारा दिया बल्कि मानवीय आधार पर उनका साथ भी निभाया।
ध्यान देने योग्य बात यह है कि बांग्लादेश की कोर्ट ने हाल ही में शेख हसीना को मानवता के विरुद्ध अपराधों के आरोप में मौत की सजा सुनाई है। उनकी गैर-मौजूदगी में सुनाए गए इस फैसले के बाद से उनके प्रत्यर्पण को लेकर स्थिति स्पष्ट नहीं है।
आईएएनएस द्वारा पूछे गए सवालों पर हसीना ने कहा,
“मैं निजी बातों को सार्वजनिक नहीं करना चाहती, लेकिन भारत के लोगों और उनकी ओर से लगातार मिल रहे समर्थन के लिए मैं बेहद आभारी हूं।”
भारत की भूमिका पर हसीना का प्रतिक्रिया:
बांग्लादेश के लगातार बिगड़ते हालात पर भारत की भूमिका के संदर्भ में उन्होंने कहा कि भारत हमेशा से एक महत्वपूर्ण पड़ोसी रहा है।
उन्होंने कहा,
“मैं पीएम मोदी के समर्थन और भारत–बांग्लादेश के वर्षों पुराने रिश्तों की सराहना करती हूँ। व्यक्तिगत और कूटनीतिक दोनों स्तरों पर संकट में मिली सुरक्षा और शरण के लिए मैं भारत की आभारी हूँ।”
हसीना ने यह भी कहा कि मजबूत द्विपक्षीय रिश्ते न केवल बांग्लादेश बल्कि पूरे क्षेत्र में स्थिरता बनाए रखने में मदद कर सकते हैं।
अमेरिका की भूमिका पर बयान:
बांग्लादेश संकट में अमेरिका की कथित भूमिका को लेकर उठ रहे सवालों पर उन्होंने स्पष्ट किया कि
“अमेरिका ने किसी भी प्रकार की भूमिका से इंकार किया है और अभी तक ऐसा कोई सार्वजनिक साक्ष्य नहीं है जो इन आरोपों की पुष्टि करता हो।”
उन्होंने चेतावनी दी कि बिना सबूत के आरोप लगाना देश में स्थिरता बहाल करने के प्रयासों को नुकसान पहुंचा सकता है।
उनके बेटे पर गिरफ्तारी वारंट:
इस बीच, बांग्लादेश के अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण (ICT-BD) ने हसीना के निर्वासित बेटे साजिब वाजेद जॉय के खिलाफ भी गिरफ्तारी वारंट जारी किया है।
यह वारंट जुलाई के विद्रोह के दौरान मानवता के विरुद्ध अपराधों से जुड़े एक मामले में जारी किया गया है।
ICT-BD ने हाल ही में शेख हसीना और उनके तत्कालीन गृह मंत्री असदुज्जमां खान कमाल को छात्रों द्वारा किए गए हिंसक प्रदर्शनों को दबाने के लिए दोषी ठहराते हुए मौत की सज़ा सुनाई थी।
बांग्लादेश की राजनीति में बढ़ते तनाव, हिंसा और न्यायालय की सख्ती के बीच, शेख हसीना और उनके परिवार पर कार्रवाई क्षेत्रीय राजनीति में नए सवाल खड़े कर रही है।
भारत में शरण और पीएम मोदी की भूमिका पर उनके बयान क्षेत्रीय संबंधों में नए समीकरणों का संकेत भी दे सकते हैं।



