
केदारनाथ हेलिकॉप्टर सेवा 15 सितंबर तक बंद, अब तक 6,000 टिकट रद्द, 4 करोड़ रुपये का नुकसान
देहरादून: केदारनाथ में 15 जून को हुए हेलिकॉप्टर हादसे के बाद हेलिकॉप्टर सेवाएं लगातार सातवें दिन भी शनिवार को बंद रहीं। इस दुर्घटना में 7 लोगों की मौत हो गई थी, जिसके बाद आठ ऑपरेटरों की सेवाएं रोक दी गईं, हजारों यात्रियों की बुकिंग रद्द हुई और रुद्रप्रयाग जिले को अब तक लगभग 4 करोड़ रुपये का आर्थिक नुकसान हो चुका है।
सूत्रों के अनुसार, हेलिकॉप्टर सेवाएं अब 15 सितंबर तक निलंबित रह सकती हैं, यानी मानसून सीजन के बाद ही उड़ानें बहाल होंगी।
जिला पर्यटन अधिकारी राहुल चौबे ने बताया कि 22 जून के बाद किसी भी तिथि की बुकिंग नहीं हो रही, क्योंकि उड़ानें बंद हैं और सुरक्षा संबंधी दिशानिर्देशों का इंतजार किया जा रहा है। उन्होंने कहा, “हर दिन करीब 900 टिकट रद्द हो रहे हैं, यानी 15 जून से अब तक लगभग 5,400 से 6,000 टिकट रद्द किए जा चुके हैं। हम उत्तराखंड नागरिक उड्डयन विकास प्राधिकरण (UCADA) के निर्देशों का इंतजार कर रहे हैं।”
केदारनाथ यात्रा शुरू होने के बाद से 56,044 यात्रियों ने गुप्तकाशी, सिरसी और फाटा से हेलिकॉप्टर सेवाओं का लाभ लिया है, जबकि 54,209 यात्री केदारनाथ से लौटे हैं।
15 जून की दुर्घटना पिछले 45 दिनों में चारधाम मार्ग पर हुआ पांचवां हेलिकॉप्टर हादसा था। इससे पहले 8 मई को गंगोत्री के पास एक क्रैश में छह लोगों की मौत हो गई थी।
इन घटनाओं के मद्देनज़र, उत्तराखंड हाईकोर्ट ने स्वतः संज्ञान लेते हुए राज्य सरकार से सुरक्षा चूक पर जवाब मांगा है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सख्त नियमों के क्रियान्वयन का आदेश दिया है, जिसमें ट्विन इंजन हेलिकॉप्टर की अनिवार्यता, रीयल-टाइम मौसम कैमरे, और हेलिकॉप्टर की नियमित फिटनेस जांच शामिल हैं। साथ ही, देहरादून में कमांड एंड कंट्रोल सेंटर स्थापित करने का निर्देश भी दिया गया है।
इस बीच, पर्यावरणीय चिंताएं भी सामने आई हैं। स्थानीय निवासियों और पर्यावरण कार्यकर्ताओं ने हिमालयी क्षेत्र की नाजुक पारिस्थितिकी पर हेलिकॉप्टरों के बार-बार उड़ान भरने से हो रहे प्रभाव को लेकर चिंता जताई है और जब तक समुचित सुरक्षा उपाय लागू नहीं होते, तब तक उड़ानों पर रोक लगाने की मांग की है।