
टोल वसूली में बड़ा बदलाव: सरकार ला रही नई नीति, मिलेगा 50% तक राहत, ₹3000 में सालाना पास
राष्ट्रीय राजमार्गों और एक्सप्रेसवे पर टोल वसूली को आसान और पारदर्शी बनाने के लिए केंद्र सरकार जल्द ही एक नई टोल नीति लागू करने जा रही है। इस नीति के तहत वाहन चालकों को औसतन 50% तक टोल में राहत मिल सकती है, वहीं एक वैकल्पिक वार्षिक पास भी पेश किया जाएगा, जिसकी कीमत ₹3000 रखी गई है। इस पास के जरिए यात्री बिना किसी अतिरिक्त शुल्क के राष्ट्रीय राजमार्गों, एक्सप्रेसवे और राज्य एक्सप्रेसवे पर असीमित यात्रा कर सकेंगे।
वर्तमान में विभिन्न टोल प्लाजा पर अलग-अलग भुगतान करना पड़ता है, लेकिन नई प्रणाली में टोल वसूली सीधे FASTag खातों से की जाएगी। नई नीति का मसौदा तैयार हो चुका है और इसे जल्द लागू किया जा सकता है। इस प्रणाली के तहत पारंपरिक टोल प्लाजा हटाकर प्रति किलोमीटर एक निश्चित शुल्क लिया जाएगा—जो निजी कारों के लिए लगभग ₹50 प्रति 100 किलोमीटर तय किया गया है।
नई नीति के रास्ते में सबसे बड़ी बाधा मौजूदा टोल कॉन्ट्रैक्ट्स हैं, जिनमें ऐसी व्यवस्था का कोई प्रावधान नहीं है। इसे दूर करने के लिए सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने ठेकेदारों को मुआवजा देने का प्रस्ताव तैयार किया है। टोल ऑपरेटरों को डिजिटल लॉग बनाए रखना होगा और वास्तविक टोल वसूली और अनुमानित राजस्व के बीच के अंतर की भरपाई सरकार तय फॉर्मूले के आधार पर करेगी।
इस नीति का मकसद बैरियर-फ्री इलेक्ट्रॉनिक टोलिंग को बढ़ावा देना है। शुरुआती पायलट प्रोजेक्ट्स के नतीजे सकारात्मक रहे हैं। इसके अलावा, बैंकों को टोल उल्लंघनकर्ताओं के खिलाफ कार्रवाई की अधिक शक्ति दी जाएगी और नए दंड प्रावधान तैयार किए जा रहे हैं ताकि नियमों का उल्लंघन रोका जा सके।
नई प्रणाली को सभी सड़कों पर सुचारू रूप से लागू करने के लिए केंद्र और राज्य सरकारें मिलकर काम कर रही हैं। तकनीकी और इंफ्रास्ट्रक्चर से जुड़े साझेदारों के साथ बैठकों का आयोजन किया गया है ताकि टोल गेट पर सेंसर गड़बड़ी जैसी समस्याओं का समाधान हो सके।