
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हाल ही में हुए आतंकी हमले में निर्दोष नागरिकों की जान जाने के बाद, भारत ने बुधवार को पाकिस्तान के खिलाफ एक सख्त और निर्णायक रुख अपनाते हुए कई अहम कूटनीतिक और रणनीतिक कदमों की घोषणा की।
विदेश मंत्रालय (MEA) ने एक आधिकारिक बयान में पांच बड़े फैसलों की जानकारी दी, जिसे अधिकारियों ने “सीमा पार आतंकवाद के खिलाफ निर्णायक जवाब” बताया।
यह हैं विदेश मंत्रालय द्वारा घोषित 5 बड़े कदम:
- सिंधु जल सहयोग निलंबित: भारत ने सिंधु जल संधि के तहत पाकिस्तान को मिलने वाले पानी के प्रवाह को रोकने का फैसला किया है। इस संधि के तहत हर साल 39 अरब घन मीटर पानी भारत से पाकिस्तान को जाता है। दशकों से यह संधि दोनों देशों के बीच सहयोग का प्रतीक रही है, लेकिन अब इसे स्थगित कर दिया गया है।
- अटारी-वाघा बॉर्डर बंद: भारत और पाकिस्तान के बीच लोगों और व्यापार के लिए अहम अटारी-वाघा सीमा को तत्काल प्रभाव से बंद कर दिया गया है। यह फैसला दोनों देशों के बीच सीधे संपर्क पर बड़ा असर डालेगा।
- पाकिस्तानी नागरिकों के भारत में प्रवेश पर रोक: भारत ने पाकिस्तानी नागरिकों के वीजा और यात्रा परमिट को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया है। इसका मतलब है कि अब पाकिस्तान के नागरिक भारत में प्रवेश नहीं कर सकेंगे।
- सैन्य सलाहकार निष्कासित: भारत ने नई दिल्ली स्थित पाकिस्तान उच्चायोग में तैनात सभी सैन्य सलाहकारों को निष्कासित कर दिया है। यह दोनों देशों के बीच सैन्य-सामरिक संवाद में बड़े अवरोध का संकेत है।
- राजनयिक स्टाफ घटाया: भारत ने पाकिस्तान को निर्देश दिया है कि वह अपने उच्चायोग में मौजूद कर्मचारियों की संख्या 55 से घटाकर केवल 30 करे। इससे पाकिस्तान के भारत में कूटनीतिक कार्यों की क्षमता सीमित हो जाएगी।
ये कदम भारत द्वारा पाकिस्तान को दिए गए सबसे सख्त कूटनीतिक संदेशों में से एक माने जा रहे हैं, जो यह साफ दिखाता है कि भारत अब आतंकवाद के हर रूप के खिलाफ पूरी तरह निर्णायक कार्रवाई के मूड में है।