ऑपरेशन सिंदूर के बाद ब्रह्मोस की मांग में जबरदस्त उछाल: 17 देश 800 किमी रेंज वाली मैक-3 सुपरसोनिक मिसाइल खरीदने की कतार में!!

ऑपरेशन सिंदूर में ब्रह्मोस मिसाइल की अहम भूमिका, पाकिस्तान को दिया गया सख्त संदेश
पहलगाम आतंकी हमले के बाद ऑपरेशन सिंदूर में ब्रह्मोस क्रूज़ मिसाइल ने अहम भूमिका निभाई, जिससे पाकिस्तान और आतंकी नेटवर्कों को सख्त संदेश दिया गया। इस मिसाइल की सफल तैनाती ने भारत की सटीक हमले की क्षमता को दर्शाया और राष्ट्रीय सुरक्षा के क्षेत्र में एक मजबूत संकेत भेजा।
ब्रह्मोस मिसाइल, भारत और रूस द्वारा संयुक्त रूप से विकसित की गई है, जो जमीन, हवा और समुद्र से लॉन्च की जा सकती है। इसकी सुपरसोनिक गति, सटीकता, और विविध सैन्य अभियानों में इस्तेमाल की क्षमता के लिए यह विश्व भर में जानी जाती है।
फिलहाल फिलीपींस ब्रह्मोस मिसाइल प्रणाली को खरीदने वाला पहला और एकमात्र देश है, जिसने जनवरी 2022 में $375 मिलियन का सौदा किया था। इस सौदे के तहत तीन तटीय रक्षा बैटरियां दी जाएंगी, जिनमें से पहली अप्रैल 2024 में दी जा चुकी है और दूसरी अप्रैल 2025 में दी जाएगी।
हालांकि, ब्रह्मोस की गति और सटीकता के चलते दुनिया के कई देश इस मिसाइल प्रणाली में रुचि दिखा रहे हैं। कुछ प्रमुख संभावित ग्राहक देश:
दक्षिण-पूर्व एशिया:
- इंडोनेशिया: $200 से $350 मिलियन के सौदे की बातचीत चल रही है।
- वियतनाम: $700 मिलियन का सौदा प्रस्तावित, जिसमें सेना और नौसेना दोनों के लिए मिसाइलें शामिल हैं।
- मलेशिया: अपने Su-30MKM फाइटर जेट्स और Kedah-क्लास युद्धपोतों के लिए विचार कर रहा है।
- थाईलैंड, सिंगापुर, ब्रुनेई: बातचीत के विभिन्न चरणों में रुचि दिखाई है।
लैटिन अमेरिका:
- ब्राजील, चिली, अर्जेंटीना, वेनेजुएला: नौसैनिक और तटीय रक्षा संस्करणों में रुचि।
मध्य-पूर्व:
- मिस्र, सऊदी अरब, UAE, कतर, ओमान: कई देशों के साथ बातचीत उन्नत चरण में है।
अन्य देश:
- दक्षिण अफ्रीका, बुल्गारिया: विभिन्न स्तरों पर चर्चा चल रही है।