एप्पल करेगी बड़ा बदलाव: 2026 तक अमेरिका में बिकने वाले सभी iPhone भारत में होंगे असेंबल

फाइनेंशियल टाइम्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, एप्पल ने फैसला किया है कि वह अगले साल के अंत तक अमेरिका के बाजार के लिए बनाए जाने वाले सभी iPhone की असेंबली भारत में करेगी। यह कदम चीन पर अपनी निर्भरता कम करने की रणनीति का हिस्सा है, खासकर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा चीनी आयात पर लगाए गए नए टैरिफ के बाद।
पिछले कुछ वर्षों में, एप्पल ने भारत में अपने निर्माण कार्यों का लगातार विस्तार किया है। इसके दो प्रमुख साझेदार — फॉक्सकॉन और टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स — इस विस्तार में अहम भूमिका निभा रहे हैं। मार्च महीने में फॉक्सकॉन ने भारत से रिकॉर्ड $1.31 अरब के iPhone निर्यात किए, जो जनवरी और फरवरी के संयुक्त निर्यात के बराबर है। वहीं टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स ने मार्च में 63% की वृद्धि के साथ $612 मिलियन का निर्यात किया।
चीन से आयातित वस्तुओं पर नए अमेरिकी शुल्क की घोषणा के बाद, एप्पल ने भारत में असेंबल किए गए iPhone की शिपमेंट अमेरिका के लिए तेज़ कर दी, ताकि नए आयात शुल्क से बचा जा सके।
अमेरिका एप्पल का सबसे बड़ा बाज़ार बना हुआ है, जहां हर साल 6 करोड़ से अधिक iPhone बिकते हैं। पिछले वित्तीय वर्ष में, एप्पल ने भारत में लगभग $22 अरब के iPhone का उत्पादन किया, जो इसकी वैश्विक उत्पादन का करीब 20% है। इनमें से $18 अरब के iPhone का निर्यात किया गया।
भारत में निर्माण को लेकर एप्पल की प्रतिबद्धता 2020 में उस वक्त और गहरी हुई जब भारत सरकार ने प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव (PLI) योजना शुरू की। यह योजना बढ़ते हुए बिक्री के आधार पर सब्सिडी देती है, जिससे एप्पल जैसी कंपनियों को अपना संचालन बढ़ाने के लिए प्रोत्साहन मिला। शुरू में यहां केवल पुराने मॉडल्स का निर्माण होता था, लेकिन अब भारत में iPhone के सभी मॉडल्स, यहां तक कि प्रीमियम ‘Pro’ वेरिएंट भी बन रहे हैं।
यह रणनीतिक बदलाव केवल टैरिफ से बचाव के लिए नहीं है, बल्कि चीन पर निर्भरता को कम करने की दीर्घकालिक योजना का हिस्सा है। एप्पल का लक्ष्य है कि 2026 तक अमेरिका के लिए हर iPhone भारत में ही बनाया जाए — जिससे स्थानीय उत्पादन दोगुना हो जाएगा और कंपनी की ऐतिहासिक चीन-निर्भर मैन्युफैक्चरिंग नीति में बड़ा परिवर्तन आएगा।