
वर्तमान भू-राजनीतिक हालात की गंभीरता को देखते हुए भारत में एफ-35 और एफ-16 जैसे अत्याधुनिक विदेशी लड़ाकू विमानों की तैनाती की गई है। रक्षा सूत्रों के अनुसार, ये विमान संयुक्त सैन्य अभ्यासों में भाग लेंगे और भारत के अपने राफेल, सुखोई-30 एमकेआई और मिराज-2000 जैसे जंगी विमानों के साथ उच्च स्तरीय रणनीतिक योजना का हिस्सा बनेंगे। यह कदम भारतीय जमीन पर एक दुर्लभ और शक्तिशाली त्रिपक्षीय सैन्य सहयोग को दर्शाता है, जो भारत की वैश्विक रक्षा साझेदारी को भी मजबूती प्रदान करता है।
पहलगाम आतंकी हमले की दुनिया भर में कड़ी निंदा हुई है। इस हमले के बाद नई दिल्ली से तीखी प्रतिक्रियाएं सामने आई हैं और सरकार ने तेजी से और निर्णायक कार्रवाई का वादा किया है। खुफिया रिपोर्टों के अनुसार, इस हमले को सीमा पार से समर्थन प्राप्त था, जिससे भारत की सैन्य तैयारी और भी आक्रामक हो गई है। जम्मू-कश्मीर में बड़े पैमाने पर सैनिकों की तैनाती और हवाई गश्त की खबरें भी सामने आ चुकी हैं, जिससे क्षेत्र में तनाव चरम पर है।
हालांकि, कूटनीतिक बातचीत के चैनल अभी भी खुले हैं, लेकिन मौजूदा सैन्य जमावड़ा एक बुरे हालात की तैयारी का संकेत देता है। रक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि अमेरिका और इज़राइल जैसे सहयोगी देशों से मिला यह अभूतपूर्व समर्थन न केवल भारत की सैन्य क्षमताओं को बढ़ाता है, बल्कि दुश्मनों को यह स्पष्ट संदेश भी देता है कि किसी भी और उकसावे का अंतरराष्ट्रीय स्तर पर गंभीर परिणाम हो सकता है।