एचएएल चेयरमैन डीके सुनील का दावा: दुबई में तेजस दुर्घटना दुर्भाग्यपूर्ण, विमान पूरी तरह सुरक्षित और भविष्य उज्जवल

दुबई एयर शो में भारतीय हल्का लड़ाकू विमान (LCA) तेजस के क्रैश होने की घटना के बाद हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) के चेयरमैन और एमडी डीके सुनील ने इसे दुर्भाग्यपूर्ण बताया और जोर देकर कहा कि इस घटना का तेजस कार्यक्रम के भविष्य पर कोई असर नहीं पड़ेगा। उन्होंने स्पष्ट किया कि तेजस में कोई तकनीकी खराबी नहीं है और यह विमान पूरी तरह सुरक्षित है।
डीके सुनील ने एएनआई के नेशनल सिक्योरिटी समिट में रक्षा निर्यात पर बोलते हुए कहा, “यह एक शानदार एयरक्राफ्ट है, सुरक्षा रिकॉर्ड के लिहाज से दुनिया के शीर्ष में है। दुबई में हुई दुर्घटना केवल दुर्भाग्यपूर्ण घटना थी और इसका तेजस के भविष्य पर कोई प्रभाव नहीं होगा। तेजस का इतिहास भी बेहद सुरक्षित रहा है। अब तक केवल दो बार ही तेजस क्रैश हुआ है। तुलना के लिए कहा जा सकता है कि अमेरिका में 1993 से 2013 तक 174 एयर शो क्रैश हुए थे, जिसमें 91 लोग मारे गए।”
एचएएल चेयरमैन ने यह भी कहा कि किसी देश के लिए अपनी टेक्नोलॉजी विकसित करना चुनौतीपूर्ण होता है, लेकिन उन्होंने भरोसा दिलाया कि भारतीय 4.5 जेनरेशन का यह विमान पूरी तरह सुरक्षित है। उन्होंने बताया कि वर्तमान में भारत के पास करीब 180 तेजस विमान हैं और यह संख्या भविष्य में बढ़ेगी। साथ ही, भारत जल्द ही तेजस के निर्यात को भी बढ़ावा देगा, और कई देश जैसे मलेशिया, अर्जेंटीना, मिस्र और फिलीपींस ने विमान में रुचि दिखाई है।
भविष्य की योजनाओं पर बोलते हुए डीके सुनील ने कहा कि एचएएल U-CAV ‘CATS वॉरियर’ पर काम कर रहा है, जिसे अगले साल तक तैयार होने की उम्मीद है और 2027 तक उड़ान भरेगा। इसके अलावा, यूटिलिटी हेलीकॉप्टर (UHM) का डेक-बेस्ड वर्जन भी इस साल उड़ान भरेगा और दो साल के भीतर डिलीवरी शुरू होगी।
उन्होंने कहा कि सरकार की नीति है कि भारत वैश्विक स्तर पर उभरे और रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भर बने। तेजस की सफलता और निर्यात योजनाएं इसके स्पष्ट उदाहरण हैं। उन्होंने कहा कि दुबई एयर शो-2025 में हुई दुर्घटना में विंग कमांडर नमांश स्याल की मृत्यु बेहद दुखद थी, लेकिन तेजस कार्यक्रम का भविष्य उज्जवल और सुरक्षित है।



