
पहलगाम हमले में शामिल दो आतंकियों के घरों को विस्फोट से उड़ाया गया, तलाश जारी
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले में शामिल लश्कर-ए-तैयबा (LeT) के दो आतंकियों, आदिल हुसैन ठोकर और आसिफ शेख के घरों को गुरुवार रात को दो अलग-अलग धमाकों में उड़ा दिया गया। अधिकारियों ने बताया कि इन घरों में विस्फोटक सामग्री रखी गई थी।
आदिल हुसैन ठोकर अनंतनाग जिले का निवासी है और मंगलवार को हुए पहलगाम नरसंहार में मुख्य आरोपियों में से एक है, जबकि आसिफ शेख, जो पुलवामा का रहने वाला है, को हमले की साजिश में शामिल माना जा रहा है।
अनंतनाग पुलिस ने गुरुवार को ठोकर और दो अन्य संदिग्ध आतंकियों के स्केच जारी किए। पुलिस के अनुसार, बाकी दोनों आतंकी पाकिस्तानी नागरिक हैं और उनके बारे में पुख्ता जानकारी देने वाले को ₹20 लाख का इनाम घोषित किया गया है।
इन दो पाकिस्तानी आतंकियों की पहचान हाशिम मूसा उर्फ सुलेमान और अली भाई उर्फ तल्हा भाई के रूप में हुई है। माना जा रहा है कि ये दोनों भी पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े हैं।
यह हमला 2019 में अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद से अब तक का सबसे भयावह आतंकी हमला माना जा रहा है, जिसमें 26 निर्दोष पर्यटकों की जान गई। इस हमले के बाद भारत सरकार ने पाकिस्तान के खिलाफ उच्च-स्तरीय राजनयिक और सुरक्षा कार्रवाई की शुरुआत कर दी है। पाकिस्तान पर इस आतंकी मॉड्यूल के साजिशकर्ताओं और मददगारों को शरण देने का आरोप है।
सूत्रों के मुताबिक, यह आतंकी मॉड्यूल कश्मीर घाटी में लंबे समय से सक्रिय है और सोनमर्ग, बूटा पथरी और गांदरबल में हुए कई बड़े हमलों के लिए जिम्मेदार है। अक्टूबर 2024 में बूटा पथरी में हुए एक हमले में दो भारतीय सैनिकों सहित चार लोगों की जान चली गई थी। उसी महीने सोनमर्ग में टनल निर्माण कार्य कर रहे मजदूरों पर हमला हुआ था, जिसमें छह मजदूर और एक डॉक्टर की हत्या कर दी गई थी।
सोनमर्ग नरसंहार के बाद दिसंबर 2024 में इस मॉड्यूल के एक प्रमुख सदस्य जुनैद अहमद भट, जो कुलगाम का रहने वाला और लश्कर का ए+ श्रेणी का आतंकी था, को डाचीगाम में एक मुठभेड़ में मार गिराया गया। हालांकि उसके अन्य साथी भागने में सफल रहे और घने जंगलों में छिप गए। सुरक्षा एजेंसियों का मानना है कि ये आतंकी हर बड़े हमले के बाद भूमिगत हो जाते हैं और अगली साजिश के आदेश मिलने तक जंगलों में छिपे रहते हैं।