
उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले में स्थित पवित्र केदारनाथ धाम के कपाट आगामी 2 मई 2025 को प्रातः 7 बजे श्रद्धालुओं के दर्शनार्थ खोल दिए जाएंगे। यह निर्णय महाशिवरात्रि के शुभ अवसर पर 26 फरवरी 2025 को पंचकेदार गद्दी स्थल श्री ओंकारेश्वर मंदिर, उखीमठ में वैदिक मंत्रोच्चार और धार्मिक अनुष्ठानों के साथ लिया गया। citeturn0search2
चाल विग्रह डोली यात्रा कार्यक्रम:
भगवान केदारनाथ की पंचमुखी भोग मूर्ति की डोली 27 अप्रैल 2025 को उखीमठ स्थित श्री ओंकारेश्वर मंदिर से केदारनाथ धाम के लिए प्रस्थान करेगी। यात्रा का विस्तृत कार्यक्रम निम्नानुसार है:
- 27 अप्रैल 2025: श्री ओंकारेश्वर मंदिर में भगवान भैरवनाथ की पूजा-अर्चना।
- 28 अप्रैल 2025: डोली का गुप्तकाशी के लिए प्रस्थान।
- 29 अप्रैल 2025: गुप्तकाशी से फाटा के लिए प्रस्थान।
- 30 अप्रैल 2025: फाटा से गौरीकुंड के लिए प्रस्थान।
- 1 मई 2025: गौरीकुंड से केदारनाथ धाम पहुंचना।
- 2 मई 2025: प्रातः 7 बजे विधिवत पूजा-अर्चना के बाद मंदिर के कपाट श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए जाएंगे। citeturn0search7
चारधाम यात्रा 2025 के प्रमुख तिथियां:
केदारनाथ धाम के साथ-साथ अन्य धामों के कपाट खुलने की तिथियां इस प्रकार हैं:
- गंगोत्री एवं यमुनोत्री धाम: 30 अप्रैल 2025 (अक्षय तृतीया)
- बद्रीनाथ धाम: 4 मई 2025 citeturn0search6
हेलीकॉप्टर सेवा बुकिंग:
जो श्रद्धालु पैदल यात्रा में असमर्थ हैं या समय की कमी के कारण हेलीकॉप्टर सेवा का उपयोग करना चाहते हैं, उनके लिए 8 अप्रैल 2025 से हेलीकॉप्टर बुकिंग शुरू हो चुकी है। बुकिंग केवल आईआरसीटीसी हेलि यात्रा वेबसाइट के माध्यम से की जा सकती है। बुकिंग से पहले उत्तराखंड पर्यटन पोर्टल पर पंजीकरण कराना अनिवार्य है। citeturn0search1
यात्रा के लिए आवश्यक निर्देश:
- पंजीकरण: चारधाम यात्रा के लिए ऑनलाइन या ऑफलाइन पंजीकरण करना आवश्यक है। ऑनलाइन पंजीकरण उत्तराखंड पर्यटन विभाग की आधिकारिक वेबसाइट पर किया जा सकता है। citeturn0search4
- स्वास्थ्य जांच: ऊंचाई वाले क्षेत्रों में यात्रा करने से पहले अपने स्वास्थ्य की जांच कराएं और आवश्यक दवाइयां साथ रखें।
- मौसम की जानकारी: यात्रा से पहले मौसम की जानकारी प्राप्त करें और उसी के अनुसार तैयारी करें।
- आवास की पूर्व बुकिंग: यात्रा के दौरान आवास की सुविधा सुनिश्चित करने के लिए अग्रिम बुकिंग करें।
केदारनाथ धाम की यात्रा श्रद्धालुओं के लिए आध्यात्मिक शांति और आस्था का प्रतीक है। सुरक्षित और सुखद यात्रा के लिए उपरोक्त निर्देशों का पालन करें और भगवान केदारनाथ के दर्शन का लाभ उठाएं।