
दिल्ली में बढ़ता प्रदूषण एक बार फिर गंभीर चिंता का विषय बन गया है। राजधानी की हवा लगातार ‘बेहद खराब’ श्रेणी में बनी हुई है और घनी धुंध के कारण दृश्यता भी प्रभावित हुई है। विशेषज्ञ अब आशंका जता रहे हैं कि इथियोपिया में हाल ही में फटे ज्वालामुखी से उठी राख का गुबार उत्तर भारत की हवा को और जहरीला कर सकता है।
सुप्रीम कोर्ट में भी खराब हवा का असर दिखा। नए मुख्य न्यायाधीश सूर्य कांत, जिन्होंने सोमवार को पदभार संभाला, ने प्रदूषण पर हल्का तंज किया। एक सुनवाई के दौरान जब सीनियर एडवोकेट गोपाल शंकरनारायणन खांसने लगे और आवाज बैठने की बात कही, तो CJI ने मुस्कुराते हुए कहा— “दिल्ली का यही हाल है।”
ज्वालामुखी का असर?
रविवार को इथियोपिया के अफार क्षेत्र में स्थित ढाल-ज्वालामुखी हायली गुब्बी फट गया। इससे उठा राख का गुबार लगभग 14 किलोमीटर ऊंचाई तक पहुंचा और पूर्व दिशा में लाल सागर की ओर बढ़ने लगा।
मौसम विभाग (IMD) के अनुसार, यह राख चीन की दिशा में आगे बढ़ रही है और मंगलवार शाम तक भारत से काफी दूर चली जाएगी। हालांकि पूर्वानुमान के मुताबिक, गुजरात, दिल्ली-एनसीआर, राजस्थान, पंजाब और हरियाणा में हल्का प्रभाव देखने की संभावना है।
दिल्ली का AQI फिर ‘बेहद खराब’
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) की सुबह की रिपोर्ट के अनुसार, दिल्ली का AQI 360 दर्ज किया गया, जो ‘बेहद खराब’ श्रेणी में आता है।
>सोमवार को AQI: 382
>रोहिणी मॉनिटरिंग स्टेशन: 416 (गंभीर श्रेणी)
विशेषज्ञों का कहना है कि हवा की दिशा और गति में सुधार न होने पर अगले कुछ दिनों तक स्थिति में राहत मिलने की उम्मीद कम है।



