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भारतीय टेस्ट टीम की लगातार हार पर गंभीर का पलटवार: “मैं नहीं, भारतीय क्रिकेट ज़रूरी फैसला BCCI का

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भारत की टेस्ट टीम की लगातार दूसरी घरेलू सीरीज़ हार के बाद गुवाहाटी में मीडिया के कड़े सवालों का सामना करते हुए मुख्य कोच गौतम गंभीर ने खुद पर उठ रहे सवालों का जवाब बेहद साफ शब्दों में दिया। दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ 0–2 से हार और अंतिम टेस्ट में 408 रनों की करारी शिकस्त के बाद गंभीर पर दबाव और भी बढ़ गया है। यह पहली बार है जब किसी भारतीय कोच ने लगातार दो घरेलू टेस्ट सीरीज़ गंवाई हैं।

मीडिया ब्रीफिंग के दौरान एक पत्रकार ने सीधे तौर पर पूछ लिया कि क्या गंभीर अभी भी खुद को टेस्ट टीम का “सही कोच” मानते हैं। इस पर गंभीर ने बिना किसी हिचकिचाहट के कहा:

> “ये फैसला BCCI का है। जब मैंने पद संभाला था तब भी कहा था – भारतीय क्रिकेट ज़रूरी है, मैं नहीं। आज भी वही कह रहा हूं।”

गंभीर ने आंकड़ों पर हो रही आलोचना का जवाब देते हुए कहा कि लोगों की याददाश्त बहुत छोटी होती है। आलोचना सिर्फ हार पर केंद्रित है, लेकिन उपलब्धियों को जानबूझकर अनदेखा किया जा रहा है।

उन्होंने कहा:

> “मैं वही कोच हूं जिसने इंग्लैंड में युवा टीम के साथ नतीजे दिए। हम एशिया कप और चैंपियंस ट्रॉफी जीते। यह टीम अनुभवहीन है और अभी सीख रही है। सुधार के लिए हर संभव कोशिश की जा रही है।”

गंभीर के कार्यकाल में भारत ने 19 में से 10 टेस्ट गंवाए हैं, जिनमें पिछले सात घरेलू टेस्ट में पाँच हार भी शामिल हैं। पिछले साल न्यूज़ीलैंड ने भारत को घरेलू मैदान पर 0–3 से हराया था और इस साल ऑस्ट्रेलिया में 1–3 की हार के बाद गंभीर की आलोचना तेज हो गई थी। इसके बाद टीम में बड़े बदलाव हुए—कोहली और रोहित ने टेस्ट क्रिकेट से संन्यास लिया और अश्विन ने भी सीरीज़ के बीच में रिटायरमेंट ले लिया।

इसके बीच शुबमन गिल की कप्तानी में युवा टीम ने इंग्लैंड दौरे पर 0–1 से पिछड़ने के बाद जबरदस्त वापसी करते हुए सीरीज़ 2–2 से ड्रॉ की, जिसे गंभीर ने टीम की “सीखने और लड़ने की क्षमता” का प्रमाण बताया।

गंभीर ने अंत में कहा कि टीम निर्माण एक प्रक्रिया है और भारत टेस्ट क्रिकेट में नए दौर से गुजर रहा है।

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