
भारत में कोरोना के सक्रिय मामलों की संख्या बढ़कर 3,000 के करीब, केरल में सबसे ज्यादा मामले दर्ज
नई दिल्ली, 31 मई 2025 — भारत में एक बार फिर कोरोना संक्रमण के मामलों में तेज़ बढ़ोतरी देखी जा रही है। देश में सक्रिय कोविड-19 मामलों की संख्या बढ़कर लगभग 3,000 हो गई है, जिसमें केरल सबसे अधिक प्रभावित राज्य बनकर उभरा है। उसके बाद महाराष्ट्र और दिल्ली में भी संक्रमण के मामलों में वृद्धि दर्ज की गई है।
स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, जहां 26 मई को कुल 1,010 मामले दर्ज किए गए थे, वहीं 30 मई को यह संख्या बढ़कर 2,710 पहुंच गई। मात्र चार दिनों में मामलों में यह तेज़ उछाल देखने को मिला है।
राज्यवार आंकड़ों के अनुसार:
- केरल में सबसे अधिक 1,147 सक्रिय मामले हैं,
- इसके बाद महाराष्ट्र में 424,
- दिल्ली में 294,
- गुजरात में 223 मामले दर्ज किए गए हैं।
अन्य राज्यों में स्थिति इस प्रकार है:
- तमिलनाडु – 148 मामले
- कर्नाटक – 148 मामले
- पश्चिम बंगाल – 116 मामले
- राजस्थान – 51 मामले
- उत्तर प्रदेश – 42
- पुडुचेरी – 25
- हरियाणा – 20
- आंध्र प्रदेश – 16
- मध्य प्रदेश – 10
- गोवा – 7
- ओडिशा, पंजाब, जम्मू-कश्मीर – 4-4 मामले
- तेलंगाना, अरुणाचल प्रदेश, चंडीगढ़ – 3-3 मामले
- मिजोरम और असम – 2-2 मामले
अंडमान और निकोबार, सिक्किम और हिमाचल प्रदेश से अब तक कोई सक्रिय मामला सामने नहीं आया है। वहीं, बिहार का आधिकारिक आंकड़ा अभी उपलब्ध नहीं है।
इस महीने अब तक कम से कम सात लोगों की मौत कोरोना संक्रमण के चलते दर्ज की गई है। इनमें से दो लोगों की मौत महाराष्ट्र (1) और दिल्ली (1) में हुई, जिन्हें पहले से गंभीर बीमारियाँ थीं। अन्य मृतकों के बारे में यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि उनकी मृत्यु सीधे तौर पर कोविड-19 से हुई या अन्य कारणों से।
सरकारी अधिकारियों के अनुसार, मरने वालों में से पंजाब को छोड़कर बाकी सभी वरिष्ठ नागरिक थे।
हालांकि, अधिकारियों का कहना है कि मौजूदा संक्रमण हल्के लक्षणों वाला है और घबराने की कोई आवश्यकता नहीं है।
इस सप्ताह की शुरुआत में भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICMR) के महानिदेशक डॉ. राजीव बहल ने कहा कि एजेंसियां स्थिति पर नज़र बनाए हुए हैं और सतर्कता बनाए रखने की आवश्यकता है।
INSACOG (इंडियन सार्स-कोव-2 जीनोमिक्स कंसोर्टियम) की रिपोर्ट के अनुसार, भारत में फिलहाल सबसे आम कोविड वेरिएंट JN.1 है, जो 53% मामलों में पाया गया है। इसके बाद BA.2 (26%) और अन्य ओमिक्रॉन सबलाइनिज (20%) दर्ज की गई हैं। हाल के मामलों में कम से कम एक केस नए और अत्यधिक संक्रामक NB.1.8.1 वेरिएंट का भी सामने आया है, और चार मामलों में LF.7 वेरिएंट की पुष्टि हुई है।