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भारत ने स्थगित किया सिंधु जल संधि पर संवाद, पाकिस्तान ने चौथी बार की अपील!!

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भारत ने स्थगित किया सिंधु जल संधि पर संवाद, पाकिस्तान ने चौथी बार की अपील

नई दिल्ली/इस्लामाबाद – पाकिस्तान ने भारत को चौथी बार पत्र लिखकर सिंधु जल संधि (IWT) को फिर से बहाल करने की अपील की है। यह अपील 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत द्वारा संधि को स्थगित किए जाने के बाद आई है, जिसमें 26 निर्दोष नागरिकों की मौत हो गई थी।

रिपोर्ट्स के मुताबिक, पाकिस्तान गंभीर जल संकट की कगार पर है और इस वजह से वह बार-बार भारत से संवाद की कोशिश कर रहा है — यहां तक कि ऑपरेशन सिंदूर के बाद भी पाकिस्तान ने पत्र लिखे हैं।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पहले ही स्पष्ट कर चुके हैं कि “पानी और खून एक साथ नहीं बह सकते” और “आतंक और बातचीत साथ नहीं चल सकते”। इसी नीति के तहत भारत ने सिंधु जल संधि पर बातचीत से फिलहाल इनकार कर दिया है।

सूत्रों के अनुसार, पाकिस्तान के जल संसाधन मंत्रालय के सचिव सैयद अली मुर्तज़ा द्वारा भेजे गए चार पत्र भारत के जल शक्ति मंत्रालय को संबोधित किए गए, जिन्हें बाद में विदेश मंत्रालय (MEA) को भेज दिया गया।

इन पत्रों में मुर्तज़ा ने भारत से संधि को बहाल करने की गुजारिश की है। लेकिन भारत ने राष्ट्रीय सुरक्षा के आधार पर यह संधि तत्काल प्रभाव से निलंबित रखने का निर्णय लिया है, जब तक कि पाकिस्तान आतंकी गतिविधियों को विश्वसनीय और स्थायी रूप से रोकने के स्पष्ट प्रमाण नहीं देता।

यह निर्णय कैबिनेट सुरक्षा समिति (CCS) द्वारा अनुमोदित किया गया है — यह पहली बार है जब भारत ने इस विश्व बैंक समर्थित संधि को स्थगित किया है।

इस निर्णय के बाद पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने भारत से शांति वार्ता की इच्छा जताई है। साथ ही, कई पाकिस्तानी नेताओं ने बढ़ते जल संकट को लेकर चिंता जताई है।

पाकिस्तानी सांसद सैयद अली ज़फर ने पिछले महीने सीनेट सत्र के दौरान कहा,
“अगर जल संकट का समाधान नहीं हुआ, तो हमें भूख का सामना करना पड़ेगा। सिंधु बेसिन हमारी जीवनरेखा है — तीन चौथाई पानी पाकिस्तान के बाहर से आता है, 90% आबादी इसी पर निर्भर है, 90% फसलें इसी पानी से होती हैं, और हमारे सभी बिजली संयंत्र व बांध इसी पर आधारित हैं। यह हमारे ऊपर लटकता ‘वाटर बम’ है जिसे हमें निष्क्रिय करना होगा।”

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