
अब देहरादून से मसूरी सिर्फ 20 मिनट में! देश की सबसे लंबी यात्री रोपवे परियोजना जल्द होगी शुरू
मसूरी की खूबसूरती सबको लुभाती है, लेकिन देहरादून से इस पहाड़ी स्टेशन तक की यात्रा अक्सर थकाऊ और लंबी हो जाती है – जाम, लंबी कतारें और पहाड़ी रास्ते। लेकिन अब इस परेशानी का समाधान जल्द ही मिलने वाला है। देश की सबसे लंबी यात्री रोपवे परियोजना का निर्माण कार्य शुरू हो चुका है, जो देहरादून और मसूरी को जोड़ने का काम करेगी। इसके पूरा होने पर देहरादून से मसूरी की यात्रा सिर्फ 20 मिनट में पूरी की जा सकेगी।
देहरादून-मसूरी रोपवे की खास बातें:
इस अत्याधुनिक रोपवे का निर्माण मसूरी स्काई कार प्राइवेट लिमिटेड द्वारा किया जा रहा है, जो कि FIL इंडस्ट्रीज प्राइवेट लिमिटेड, फ्रांस की POMA SAS, और SRM इंजीनियरिंग LLP का एक संयुक्त उद्यम है। यह रोपवे सितंबर 2026 तक चालू होने की उम्मीद है।
यह डिटैचेबल गोंडोला सिस्टम लगभग 1,000 मीटर की ऊंचाई तक जाएगा और अपने तरह की अनोखी परियोजना होगी।
सुविधाएं और क्षमता:
- रोपवे में 10-सीटर डायमंड केबिन होंगे, जो वेंटिलेशन, ऑटोमैटिक डोर और ऑल-वेदर प्रोटेक्शन जैसी सुविधाओं से लैस होंगे।
- यह प्रणाली हर घंटे प्रति दिशा 1,300 यात्रियों को ढोने की क्षमता रखती है।
- यह CEN-सर्टिफाइड रोपवे है और इसे नियमित रूप से कई सुरक्षा परीक्षणों से गुजारा जाएगा।
FIL इंडस्ट्रीज के ग्रुप एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर सैयद जुनैद अल्ताफ ने कहा,
“यह सहयोग सुनिश्चित करता है कि देहरादून-मसूरी रोपवे भारत का सबसे सुरक्षित और आधुनिक केबल कार सिस्टम होगा। वैश्विक मानकों की डिजाइन और तकनीक के साथ, हम भारत को विश्व-स्तरीय, टिकाऊ रोपवे सिस्टम का केंद्र बनाना चाहते हैं।”
यह रोपवे न सिर्फ पर्यटकों के लिए, बल्कि स्थानीय निवासियों के लिए भी तेज़ और सुविधाजनक यात्रा का विकल्प बनेगा।
शिमला में भी बन रहा है रोपवे नेटवर्क:
इसी बीच तारा देवी-शिमला रोपवे परियोजना पर भी कार्य शुरू हो चुका है, जिसे 1,734.40 करोड़ रुपये की लागत से Public-Private Partnership (PPP) मॉडल के तहत हिमाचल प्रदेश सरकार और रोपवे एंड रैपिड ट्रांसपोर्ट सिस्टम डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन द्वारा विकसित किया जा रहा है। यह रोपवे मां तारा देवी से संजौली तक चलेगा और लगभग 60 किलोमीटर के दायरे में 15 प्रमुख स्टेशनों को जोड़ेगा। इसमें दोनों दिशाओं में हर घंटे लगभग 2,000 यात्री यात्रा कर सकेंगे।
देशभर में तेजी से उभरती ये रोपवे परियोजनाएं न केवल पर्यटन को बढ़ावा देंगी, बल्कि क्षेत्रीय आवाजाही को भी अत्यधिक सुगम बनाएंगी।