
हिमाचल प्रदेश में बादल फटने से तबाही: दो की मौत, दर्जनों लापता
हिमाचल प्रदेश के कई जिलों में बुधवार को एक के बाद एक चार बादल फटने की घटनाओं से भारी तबाही मची। इन घटनाओं में अब तक दो लोगों की मौत हो चुकी है और एक दर्जन से अधिक लोग लापता हैं। कुल्लू जिले के बंजार, गड़सा, मणिकरण और सैंज क्षेत्रों में भारी नुकसान हुआ है। सोशल मीडिया पर आई भयावह तस्वीरें और वीडियो तबाही की भयावहता को दर्शा रहे हैं।
मौसम विभाग ने अगले 24 घंटों के लिए शिमला, मंडी, कांगड़ा, सिरमौर और चंबा जिलों के जलग्रहण क्षेत्रों और आसपास के इलाकों में हल्के से मध्यम स्तर के बाढ़ के खतरे की चेतावनी जारी की है। इन इलाकों में कहीं-कहीं भारी से बहुत भारी बारिश की संभावना जताई गई है।
कांगड़ा और कुल्लू जिलों में बादल फटने के कारण आई बाढ़ में 10 लोग लापता हैं, जिन्हें तलाशने के लिए खोज अभियान तेज कर दिया गया है। बुधवार शाम को आई भारी बारिश के चलते करीब 20 लोग बह जाने की आशंका थी, हालांकि इनमें से कुछ को सुरक्षित बचा लिया गया है।
स्थानीय प्रशासन द्वारा 170 से अधिक मजदूरों को सुरक्षित निकालकर राहत शिविरों में पहुंचा दिया गया है। गुरुवार को भी रेस्क्यू ऑपरेशन जारी रहा, ड्रोन की मदद ली जा रही है। पास के जंगलों में अब भी एक मजदूर लापता है।
हालांकि अधिकारियों ने इस घटना को प्राकृतिक आपदा बताया है, लेकिन कुछ मजदूरों ने अवैध खनन और नदी किनारे असुरक्षित स्थानों पर बने अस्थायी शिविरों को इस त्रासदी के लिए जिम्मेदार ठहराया है।
कुल्लू के रेहला बिहाल गांव में तीन लोग अपने घरों से कीमती सामान निकालने के प्रयास में बाढ़ में बह गए और अभी तक उनका कोई सुराग नहीं मिला है।
स्थल पर राज्य आपदा मोचन बल (SDRF) की दो टीमें, होम गार्ड की एक टीम और राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (NDRF) की एक टीम को राहत कार्यों के लिए तैनात किया गया है। मौके का दौरा करने के बाद उपायुक्त हेमराज बैरवा ने बताया कि हाइड्रो प्रोजेक्ट साइट पर छह लोगों के बाढ़ में बह जाने की आशंका है, जबकि एक व्यक्ति को पहाड़ी की ओर भागते हुए देखा गया, जिसकी जानकारी अब तक नहीं मिल पाई है।
बाकी सभी को सुरक्षित बचा लिया गया है। DC ने बताया कि प्राथमिकता लापता लोगों की खोज और राहत-बचाव कार्य है।