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रीवा पहुंचे थल सेनाध्यक्ष जनरल उपेंद्र द्विवेदी, कहा– इस मिट्टी का कर्ज चुका नहीं सकता

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भारतीय सेना के चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ जनरल उपेंद्र द्विवेदी शुक्रवार को अपने पैतृक शहर रीवा पहुंचे। विशेष सैन्य विमान जैसे ही रीवा एयरपोर्ट पर उतरा, उनका परंपरागत स्वागत किया गया। संतों ने तिलक कर पुष्पहार और शॉल पहनाकर उनका अभिनंदन किया।

“जिस धरती ने मुझे बनाया… आज उसी के चरण छूने आया हूं”

रीवा की धरती पर कदम रखते ही जनरल द्विवेदी के चेहरे पर गौरव और भावुकता साफ झलक रही थी। उन्होंने कहा—

> “सच में आज भावनाएं शब्दों में बयां नहीं हो पा रही हैं। जहां मेरा बचपन बीता, जिसने मुझे हर कदम पर प्रेरणा दी, आज उसी मिट्टी को प्रणाम करने आया हूं। यह सफर अद्भुत रहा है और रीवा ने इसमें हमेशा मेरी ढाल और दिशा बनकर साथ दिया है।”

उन्होंने यह भी कहा कि वह लंबे समय से यहां आकर आशीर्वाद लेना चाहते थे और उन सभी लोगों को धन्यवाद देना चाहते थे जो उनके जीवन की प्रेरणा रहे।

बचपन से सेना तक – रीवा से है खास जुड़ाव

जनरल उपेंद्र द्विवेदी का जन्म और पालन-पोषण रीवा में ही हुआ

शुरुआती पढ़ाई अंबिकापुर, फिर 5वीं कक्षा से सैनिक स्कूल रीवा में दाखिला

वर्ष 1981 में पासआउट होकर भारतीय सेना में शामिल

रीवा को हमेशा अपनी ताकत और पहचान मानते हैं

देश की सुरक्षा में निभाई कई अहम भूमिकाएँ:

थल सेना प्रमुख बनने से पहले उन्होंने कई प्रतिष्ठित पदों पर कार्य किया—

लेफ्टिनेंट जनरल, भारतीय सेना

कमांडिंग ऑफिसर, जम्मू-कश्मीर राइफल्स

इंस्पेक्टर जनरल, असम राइफल्स

एडिशनल डायरेक्टर जनरल, सेना मुख्यालय

संयुक्त राष्ट्र मिशन के अंतर्गत सोमालिया और साउथ अफ्रीका में भारत का प्रतिनिधित्व

संत को दिया विशेष उपहार:

स्वागत के दौरान एक संत ने तिलक कर जनरल द्विवेदी को आशीर्वाद दिया। इसी बीच उन्होंने एक विशेष उपहार बॉक्स संत को भेंट किया। संत ने पहले संकोच में मना किया, लेकिन सेनाध्यक्ष के आग्रह पर उपहार स्वीकार किया गया।

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