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भारत की ऐतिहासिक हार से भड़के फैंस: गुवाहाटी में गंभीर के खिलाफ गूंजे नारे, टीम चयन पर उठे सवाल

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गुवाहाटी के बारसापारा स्टेडियम में बुधवार को क्रिकेट फैंस का गुस्सा फूट पड़ा। दक्षिण अफ्रीका के हाथों 408 रनों की करारी हार के बाद भीड़ ने स्टेडियम के बाहर “गौतम गंभीर हाय-हाय” के नारे लगाते हुए टीम इंडिया के प्रदर्शन पर तीखी प्रतिक्रिया दी। यह भारतीय टेस्ट इतिहास की रनों के लिहाज से सबसे बड़ी हार थी, और साथ ही 25 साल बाद भारत में दक्षिण अफ्रीका की पहली टेस्ट सीरीज जीत भी। सिर्फ 13 महीनों में भारत को घरेलू धरती पर दूसरी बार व्हाइटवॉश झेलना पड़ा, जिससे वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप अभियान को भारी नुकसान हुआ है।

मुख्य कोच गौतम गंभीर पर बढ़ता दबाव अब साफ दिखने लगा है। उनके कार्यकाल में भारत घरेलू मैदान पर पाँच टेस्ट हार चुका है, और टीम की रणनीति तथा संयोजन दोनों में स्पष्ट भ्रम नजर आ रहा है। प्रशंसकों का धैर्य मैच खत्म होने से पहले ही टूट चुका था।

549 रनों का लक्ष्य अवास्तविक था, लेकिन टीम का संघर्षहीन प्रदर्शन अधिक चौंकाने वाला था। भारत 63.5 ओवर में सिर्फ 140 रन पर ढेर हो गया। पांचवें दिन की पिच पर तेज़ उछाल और तीखे टर्न का फायदा दक्षिण अफ्रीका ने बेहतरीन तरीके से उठाया। मार्को जानसन के ऑल-राउंड प्रदर्शन और एक हाथ से पकड़े गए शानदार कैच ने भारत की हालत बयां कर दी। दूसरी तरफ ऑफ़ स्पिनर साइमन हार्मर ने ड्रिफ्ट, बाउंस और लगातार टर्न के दम पर भारतीय बल्लेबाजी को मुश्किल में डाल दिया—वही प्रभाव जो भारत के स्पिनर नहीं दिखा सके।

गंभीर की टीम चयन पर भी सवाल उठ रहे हैं। साई सुदर्शन, वॉशिंगटन सुंदर, ध्रुव जुरेल और नितीश रेड्डी जैसे युवा खिलाड़ी टेस्ट स्तर के लिए तैयार नहीं दिखे। सुदर्शन की 139 गेंदों पर 14 रन की पारी टीम की दिक्कतों का प्रतीक रही—वह लगातार गेंदों को छोड़ते, बीट होते और संघर्ष करते नजर आए। गंभीर का पारंपरिक टेस्ट क्रिकेट में “मल्टी-स्किल्ड” खिलाड़ियों पर ज़ोर टीम की मूल तकनीकी मजबूती को कमजोर कर रहा है।

पूरी टीम में सिर्फ रविंद्र जडेजा (53 रन) ने अंतरराष्ट्रीय स्तर की मानसिकता दिखायी। बाकी बल्लेबाज खराब तकनीक, कमजोर डिफेंस और बैकफुट गेम की कमी के कारण ढह गए।

स्कोरकार्ड चाहे जो कहे, यह हार भारत की घरेलू श्रेष्ठता पर सवाल खड़ा करती है। कभी घर में अजेय दिखने वाली टीम अब असुरक्षित नजर आ रही है। स्टेडियम के बाहर उठे नारे इस बात का संकेत हैं कि गंभीर युग को लेकर फैंस की नाराज़गी अपने चरम पर है।

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