
दिव्या देशमुख बनीं FIDE महिला विश्व कप की पहली भारतीय चैंपियन
भारत की युवा शतरंज खिलाड़ी दिव्या देशमुख ने इतिहास रचते हुए FIDE महिला विश्व कप फाइनल में अपनी साथी भारतीय ग्रैंडमास्टर कोनेरू हम्पी को 2.5-1.5 के स्कोर से हराकर यह प्रतिष्ठित खिताब जीत लिया। यह उपलब्धि हासिल करने वाली दिव्या पहली भारतीय खिलाड़ी बन गई हैं।
इस ऐतिहासिक जीत के साथ दिव्या को ट्रॉफी के अलावा $50,000 (लगभग ₹41 लाख) की पुरस्कार राशि भी मिलेगी।
दोनों खिलाड़ियों के बीच फाइनल की दो क्लासिकल मुकाबले 1-1 से बराबरी पर समाप्त हुए थे, जिसके बाद नतीजे के लिए टाईब्रेक मुकाबलों का सहारा लिया गया।
टाईब्रेक के अंतर्गत 10 मिनट + 10 सेकंड इन्क्रिमेंट वाले दो रैपिड मुकाबले खेले गए। पिछली रात हुए टॉस में जीत दर्ज करने के बाद दिव्या को पहले मुकाबले में सफेद मोहरों से खेलने का मौका मिला।
हालांकि, पहले रैपिड मुकाबले में वह बढ़त को भुना नहीं पाईं और मुकाबला ड्रॉ रहा।
अब स्कोर 1.5-1.5 हो चुका था और सबकुछ दूसरे रैपिड गेम पर निर्भर था। यह मुकाबला भी लंबे समय तक ड्रा की ओर बढ़ता नजर आ रहा था, लेकिन चाल नंबर 40 पर हम्पी की एक गंभीर चूक ने दिव्या को आक्रामक खेलने का मौका दिया।
दिव्या ने इस मौके का पूरा फायदा उठाया और हम्पी के बचाव के तमाम प्रयासों के बावजूद, उन्हें अंततः चाल नंबर 75 पर हार माननी पड़ी।
इस शानदार जीत के साथ दिव्या देशमुख ने न केवल एक बड़ी व्यक्तिगत उपलब्धि हासिल की है, बल्कि भारतीय शतरंज में एक नया अध्याय भी जोड़ा है। ♟️

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