सुप्रीम कोर्ट का बड़ा आदेश: आवारा कुत्तों को नसबंदी और टीकाकरण के बाद उसी क्षेत्र में छोड़ा जाएगा!!

सुप्रीम कोर्ट का बड़ा आदेश: आवारा कुत्तों को नसबंदी और टीकाकरण के बाद उसी क्षेत्र में छोड़ा जाएगा
सुप्रीम कोर्ट ने 11 अगस्त के अपने आदेश में संशोधन करते हुए कहा है कि आवारा कुत्तों को नसबंदी और टीकाकरण (इम्यूनाइजेशन) के बाद उसी क्षेत्र में छोड़ा जाएगा, सिवाय उन कुत्तों के जो रेबीज़ से संक्रमित हैं या आक्रामक व्यवहार प्रदर्शित करते हैं।
हालाँकि, अदालत ने यह भी स्पष्ट किया कि आवारा कुत्तों को सार्वजनिक स्थानों पर खिलाने की अनुमति नहीं होगी। इसके लिए केवल निर्धारित क्षेत्रों में ही भोजन कराया जा सकेगा। साथ ही, सुप्रीम कोर्ट ने नगर निकायों को प्रत्येक वार्ड में कुत्तों के लिए फीडिंग ज़ोन बनाने का निर्देश दिया है।
सुप्रीम कोर्ट के आज के आदेश की 5 मुख्य बातें:
- नगर निकायों को फीडिंग ज़ोन बनाने के निर्देश – किसी भी हालत में आवारा कुत्तों को सार्वजनिक स्थानों पर भोजन नहीं कराया जा सकता। आदेश का उल्लंघन होने पर कार्रवाई होगी।
- देशव्यापी आदेश – सुप्रीम कोर्ट ने यह आदेश केवल दिल्ली-एनसीआर तक सीमित नहीं रखा, बल्कि पूरे देश पर लागू करते हुए सभी मुख्य सचिवों को नोटिस जारी किए।
- कुत्तों की रिहाई – 8 अगस्त के आदेश से अलग, इस बार बड़ी पीठ ने कहा कि कुत्तों को नसबंदी, टीकाकरण और डीवॉर्मिंग के बाद उसी क्षेत्र में छोड़ा जाएगा। रेबीज़ से संक्रमित या आक्रामक कुत्तों को अलग आश्रय गृह में रखा जाएगा।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा: “आवारा कुत्तों की रिहाई पर रोक को स्थगित किया जाता है। उन्हें डीवॉर्मिंग और टीकाकरण के बाद उसी क्षेत्र में वापस भेजा जाए।”
- गोद लेने की अनुमति – पशु प्रेमी आवारा कुत्तों को गोद ले सकते हैं। लेकिन गोद लेने के बाद उन्हें सड़क पर छोड़ने की अनुमति नहीं होगी।
- अवरोध पर रोक – कोई भी व्यक्ति या संगठन अधिकारियों के काम में बाधा नहीं डाल सकता। अदालत ने यह भी कहा कि 8 अगस्त के आदेश को चुनौती देने वाले डॉग लवर्स और एनजीओ को क्रमशः 25,000 रुपये और 2 लाख रुपये रजिस्ट्री में जमा कराने होंगे।



