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इंडिगो संकट गहराया: पांचवें दिन भी 400 से ज्यादा उड़ानें रद्द, DGCA की हाई-लेवल जांच शुरू

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भारत का एविएशन सेक्टर शनिवार को भी भारी अव्यवस्था से जूझता रहा, क्योंकि इंडिगो की उड़ानें पांचवें दिन भी सामान्य नहीं हो सकीं। देश के बड़े एयरपोर्ट्स पर सैकड़ों नई कैंसिलेशन से यात्रियों में अफरातफरी मच गई और DGCA ने एयरलाइन की परिचालन क्षमता पर गंभीर सवाल उठाए हैं।

शनिवार को इंडिगो ने चार प्रमुख एयरपोर्ट्स से 400 से ज्यादा उड़ानें रद्द कीं।

>बेंगलुरु में 124 उड़ानें (63 डिपार्चर, 61 अराइवल)

>मुंबई में 109 उड़ानें (51 डिपार्चर, 58 अराइवल)

>दिल्ली में 106 उड़ानें (54 डिपार्चर, 52 अराइवल)

>हैदराबाद में 66 उड़ानें रद्द की गईं

एयरपोर्ट्स का दावा है कि संचालन धीरे-धीरे पटरी पर लौट रहा है, लेकिन टर्मिनलों पर लम्बी कतारें, भीड़ और विलंब की स्थिति लगातार बनी हुई है। कई यात्री हवाई अड्डे पहुंचने के बाद ही कैंसिलेशन की जानकारी पा रहे हैं। दूसरी एयरलाइंस में सीटें तेजी से भरने के कारण किराए में जबरदस्त बढ़ोतरी भी देखी जा रही है।

DGCA ने शुक्रवार को इंडिगो को पायलटों के नाइट-ड्यूटी और साप्ताहिक विश्राम से संबंधित कुछ नियमों में अस्थायी राहत दी थी, लेकिन अब वही संस्था एयरलाइन के ऑपरेशनल फेलियर की हाई-लेवल जांच कर रही है। चार सदस्यीय पैनल दो सप्ताह में रिपोर्ट सौंपेगा, जिसमें क्रू मैनेजमेंट, कम्प्लायंस और इंटरनल सुपरविजन की खामियों की जांच होगी।

केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री राम मोहन नायडू ने एक बार फिर स्पष्ट किया कि क्रू शेड्यूलिंग और FDTL नियमों की तैयारी की कमी के कारण यह संकट पैदा हुआ। मंत्रालय ने जिम्मेदारियों को तय करने के लिए एक कमेटी भी बना दी है और कहा है कि “कड़ी कार्रवाई” सुनिश्चित की जाएगी।

इंडिगो प्रबंधन का कहना है कि पूरी स्थिति मध्य दिसंबर तक ही सामान्य हो पाएगी। लेकिन लगातार पांच दिन की अव्यवस्था के बाद यात्रियों का भरोसा हिलने लगा है।

उधर, प्रभावित यात्रियों की ओर से सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दाखिल की गई है, जिसमें न्यायालय से इस संकट पर तुरंत हस्तक्षेप की मांग की गई है।

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