हिमाचल प्रदेश में रावी नदी में आई बाढ़ से भारी तबाही, स्कूल–पंचायत भवन और पुल बह गए!!

हिमाचल प्रदेश में रावी नदी में आई बाढ़ से भारी तबाही, स्कूल–पंचायत भवन और पुल बह गए
हिमाचल प्रदेश में रावी नदी में आए भीषण फ्लैश फ्लड ने कांगड़ा और चंबा जिलों में तबाही मचा दी है। बाढ़ के कारण कई स्कूल, पंचायत भवन, पुल और अन्य महत्वपूर्ण ढांचे बह गए हैं। कई गांवों का संपर्क टूट गया है, जबकि अलग-अलग भूस्खलनों में चार लोगों की मौत हो गई और दो अन्य घायल हुए।
बाड़ा भंगाल में तबाही
कांगड़ा जिले के दूरस्थ गांव बाड़ा भंगाल (जो पीर पंजाल और धौलाधार पर्वतमालाओं के बीच स्थित है) में बाढ़ का पानी पंचायत घर, प्राथमिक व उच्च विद्यालय भवन, नागरिक आपूर्ति स्टोर, आयुर्वेदिक औषधालय और दो पुल बहा ले गया। इन भवनों में रखा राशन और दवाइयाँ भी बाढ़ में नष्ट हो गईं।
ग्राम प्रधान मानसा राम भंगालिया ने कांगड़ा के उपायुक्त को लिखे पत्र में 26 अगस्त को आई इस बाढ़ को गांव के लिए “आसन्न खतरा” बताया। उन्होंने बीड़नाथ एसडीएम के नेतृत्व में हवाई सर्वेक्षण और तुरंत राहत कार्यों की मांग की।
उन्होंने कहा, “गांव के 300 से अधिक लोग फंसे हुए हैं, जबकि 150 से ज्यादा चरवाहे और सैकड़ों भेड़-बकरियां ऊँचे चारागाहों में फंसी हैं। राहत में देरी से हालात और बिगड़ सकते हैं क्योंकि भोजन और दवाओं की भारी कमी हो गई है।”
रावी नदी ने पाँच किलोमीटर लंबा भू-भाग बहा दिया है और अपना रास्ता तक बदल लिया है। इससे कई घर गिरने की कगार पर हैं। गांव तक पहुंचने वाले दोनों ट्रैकिंग मार्ग—थामसर दर्रा (4,654 मीटर) और कालीहानी दर्रा (4,800 मीटर)—भी बंद हो गए हैं।
चंबा में तबाही और जनहानि
चंबा जिले के हालून गांव में रावी का जलस्तर बढ़ने से गांव का बड़ा हिस्सा डूब गया। नौ घर बह गए, जबकि कई अन्य खतरे में हैं। हालांकि, सभी परिवारों को समय रहते सुरक्षित निकाल लिया गया, जिससे जनहानि टल गई।
इसी बीच, पिछले 24 घंटों में चंबा जिले में भूस्खलनों से चार लोगों की मौत हो गई। बसोधन पंचायत में भाई-बहन मलबे में दबकर मारे गए जब वे अपने घर के पास भूस्खलन देखने निकले थे। वहीं भीमला पंचायत में घरों के पास काम कर रही चार महिलाओं पर बोल्डर गिर गए, जिनमें दो की मौके पर मौत हो गई और दो गंभीर रूप से घायल हैं।



