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‘प्रोजेक्ट चीता’ को बढ़ावा: बोत्सवाना ने भारत को आठ चीतों के ट्रांसफर की घोषणा, राष्ट्रपति मुर्मू ने जताया आभार

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गबोरोन (बोत्सवाना), 12 नवंबर — भारत और बोत्सवाना के बीच वन्यजीव संरक्षण में सहयोग को नया आयाम देते हुए बुधवार को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की राजकीय यात्रा के दौरान बोत्सवाना से आठ चीतों को भारत भेजने की योजना का औपचारिक ऐलान किया गया।

राष्ट्रपति मुर्मू ने बोत्सवाना के राष्ट्रपति ड्यूमा गिदोन बोको और देशवासियों को इस कदम के लिए धन्यवाद देते हुए कहा कि भारत इन चीतों की बेहतरीन देखभाल सुनिश्चित करेगा। राष्ट्रपति बोको ने जानकारी दी कि गुरुवार को वे इन चीतों को प्रतीकात्मक रूप से “महामहिम मुर्मू” को सौंपेंगे।

मोकोलोडी प्राकृतिक अभयारण्य में विशेष परिसर तैयार:

दोनों देशों के राष्ट्राध्यक्ष एक विशेष कार्यक्रम की संयुक्त अध्यक्षता करेंगे, जहां कालाहारी के घांजी क्षेत्र से पकड़े गए इन आठ चीतों को मोकोलोडी नेचर रिज़र्व में बनाए गए पृथकवास क्षेत्र में छोड़ा जाएगा।
यह पहल ‘प्रोजेक्ट चीता’ के अंतर्गत भारत-बोत्सवाना के बीच वन्यजीव संरक्षण की साझेदारी को दर्शाती है।

चीतों को गबोरोन से 10 किलोमीटर दक्षिण स्थित अभयारण्य में शिफ्ट किया गया है। बोत्सवाना एक भू-locked देश है, जिसका लगभग 70% हिस्सा कालाहारी रेगिस्तान के अंतर्गत आता है।

भारत का आभार — “हम चीतों को सुरक्षित रखेंगे”:

प्रेस वार्ता में राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा कि बोत्सवाना का यह निर्णय भारत के लिए एक बड़ी उपलब्धि है, क्योंकि यह कदम भारत में चीतों की पुनर्बहाली को और मजबूती देगा।
उन्होंने कहा, “मैं बोत्सवाना सरकार और वहां के लोगों की आभारी हूं कि वे अपने चीते भारत भेज रहे हैं। हम उनकी अच्छी देखभाल करेंगे।”

मुर्मू की यह यात्रा ऐतिहासिक है, क्योंकि दक्षिणी अफ्रीका स्थित इस देश में किसी भारतीय राष्ट्रपति की यह पहली राजकीय यात्रा है।

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