
दुनियाभर की टेक्नोलॉजी और आईटी कंपनियां इन दिनों आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के तेजी से बढ़ते प्रभाव के कारण बड़े बदलावों का सामना कर रही हैं। खर्च में कटौती और ऑटोमेशन को बढ़ावा देने के मकसद से कई कंपनियों ने कर्मचारियों की संख्या में कमी की है। टीसीएस, एक्सेंचर, माइक्रोसॉफ्ट, सेल्सफोर्स और गूगल जैसी दिग्गज कंपनियों ने हाल ही में पुनर्गठन के तहत कर्मचारियों की छंटनी की योजना बनाई है।
TCS (टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज)
भारत की प्रमुख आईटी कंपनी TCS ने वित्त वर्ष 2025-26 में लगभग 12,000 कर्मचारियों की छंटनी का निर्णय लिया है, जो कंपनी के वैश्विक कर्मचारियों का करीब 2% है। इसका मकसद AI पर फोकस बढ़ाना और कार्यप्रणाली में बदलाव लाना है। अप्रैल-जून तिमाही में कंपनी का एट्रिशन रेट 13.8% तक पहुंच गया है, जो पिछले साल की तिमाही की तुलना में बढ़ा है।
Google
गूगल ने हाल ही में लगभग 100 डिज़ाइन कर्मचारियों को बाहर किया है। कंपनी का कहना है कि यह कदम AI क्षमताओं को मजबूत करने और गैर-जरूरी विभागों में खर्च कम करने के लिए उठाया गया है।
HCL Tech
HCL टेक ने 2024 में 8,000 से अधिक कर्मचारियों की नौकरियां समाप्त की हैं। इसका कारण कंपनी के पुनर्गठन और कुछ हिस्सेदारी बेचने से जुड़े निर्णय हैं।
नौकरियों पर असर
आईटी क्षेत्र पर दबाव बढ़ रहा है क्योंकि अमेरिकी बाजार की मंदी, H-1B वीजा शुल्क में संभावित वृद्धि और AI तकनीक का तेजी से बढ़ता प्रभाव इस क्षेत्र में रोजगार को चुनौती दे रहा है। AI आधारित ऑटोमेशन से लागत में कटौती और उत्पादकता में सुधार तो होगा, लेकिन कई पारंपरिक नौकरियों के खतरे भी बढ़ रहे हैं।




