उत्तराखंड

देहरादून-मसूरी रोड पर बढ़ा खतरा: 35 किमी रास्ते में 10 डेंजर जोन, हर तीन किमी पर जोखिम भरा मोड़

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देहरादून से मसूरी की पहाड़ी सड़क इस वक्त खतरे का सफर बन गई है। हाल की आपदा के बाद लगभग 35 किलोमीटर लंबी इस रास्ते पर कई जगहों पर भू-स्खलन और सड़क धंसने की स्थिति बनी हुई है। कुठालगेट से मसूरी तक चलते हुए हर कुछ किलोमीटर पर खतरे का अहसास होता है, खासकर कोल्हूखेत, ग्लोगी और कुठालगेट-शिव मंदिर वाला हिस्सा सबसे अधिक जोखिम भरा बताया जा रहा है। यहां पहाड़ियों से गिरता मलबा और नीचे धंसी सड़क यातायात के लिए बड़ी चुनौती बना हुआ है। ट्रैफिक को कंट्रोल करने के लिए पुलिस दिन भर एक तरफ का रास्ता बंद रखती है, जिससे कई बार लंबा जाम लग जाता है और यात्रियों को घंटों फंसा रहना पड़ता है। कोल्हूखेत में पानी के झरने लगातार सड़क पर बह रहे हैं, जिसके कारण पत्थरों के गिरने की आशंका और बढ़ जाती है। इसी तरह भट्टा गांव और मसूरी झील के आसपास सुरक्षा डिवाइडर टूट चुके हैं, जिससे गहरी खाइयों के ऊपर से गुजरना बेहद खतरनाक हो गया है। लोक निर्माण विभाग का कहना है कि मरम्मत का काम तेजी से जारी है और महीने के अंत तक बड़ी राहत मिल सकती है। हालांकि, जब तक सभी हिस्सों को सुरक्षित नहीं बनाया जाता, स्थानीय लोगों और पर्यटकों को पूरी सतर्कता के साथ ही सफर करना होगा।

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