उडुपी में गूंजा गीता संदेश: एक लाख भक्तों संग श्लोक पाठ कर भावुक हुए PM मोदी

कर्नाटक के उडुपी में गुरुवार का दिन ऐतिहासिक बन गया, जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने श्री कृष्ण मठ में एक लाख भक्तों के साथ मिलकर भगवद्गीता के श्लोकों का सामूहिक पाठ किया। पूरा परिसर आध्यात्मिक ऊर्जा से भर उठा। PM मोदी ने कहा कि श्रीकृष्ण द्वारा गीता में दिए गए संदेश हर युग में प्रासंगिक हैं और देश की नीतियों के मार्गदर्शक सिद्धांत भी।
उन्होंने कनक मंडप में संत कनकदास को नमन किया और कहा कि उडुपी उनके लिए हमेशा ऊर्जा प्रदान करने वाला स्थान रहा है।
जन्संघ–BJP के शासन मॉडल की चर्चा:
कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री ने जन्संघ और बीजेपी के अच्छे शासन (गुड गवर्नेंस) मॉडल का भी उल्लेख किया। उन्होंने बताया कि पूर्व विधायक वी.एस. आचार्य ने पाँच दशक पहले उडुपी में ऐसा प्रशासनिक मॉडल पेश किया था, जिसे आज भी उदाहरण के रूप में देखा जाता है।
PM मोदी ने कहा कि सफाई अभियान, पेयजल व्यवस्था और ड्रेनेज सिस्टम जैसी व्यवस्थाएँ उडुपी ने 70 के दशक में ही लागू कर दी थीं।
राम मंदिर आंदोलन में उडुपी की भूमिका:
सबसे भावुक पल तब आया जब प्रधानमंत्री ने राम मंदिर आंदोलन में उडुपी की ऐतिहासिक भूमिका का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि तीर्थ स्वामीजी के मार्गदर्शन की वजह से आज अयोध्या में राम मंदिर का ध्वज शिखर पर लहरा रहा है।
उन्होंने यह भी बताया कि राम मंदिर में एक विशेष द्वार श्री मध्वाचार्य को समर्पित है—जो उत्तर और दक्षिण भारत की आध्यात्मिक एकता का अनोखा प्रमाण है।
कनक खिड़की और द्वारका का संबंध:
PM मोदी ने कहा कि वे स्वयं गुजरात के निवासी हैं और उडुपी का द्वारका से गहरा आध्यात्मिक रिश्ता है। ऐसा माना जाता है कि माता रुक्मिणी द्वारा पूजित मूर्ति को जगद्गुरु मध्वाचार्य ने उडुपी में स्थापित किया था।
प्रधानमंत्री ने सुवर्ण तीर्थ मंडप का उद्घाटन किया और पवित्र ‘कनक खिड़की’ के लिए बनी स्वर्ण कवच ढाल को समर्पित किया। इस मौके पर सुगुणेंद्र तीर्थ स्वामीजी ने उन्हें रक्ष कवच और मोर पंख से सजा पारंपरिक पगड़ी पहनाकर सम्मानित किया।
कार्यक्रम के अंत में PM मोदी ने कहा कि गीता का संदेश ही महिलाओं की सुरक्षा, आरक्षण कानून और ‘वसुधैव कुटुंबकम’ जैसी अवधारणाओं की आधारशिला है।



