उत्तराखंड

गढ़वाल में परिवहन ठप: लिखित आश्वासन तक ट्रांसपोर्ट यूनियन का चक्का जाम

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टिहरी गढ़वाल: गढ़वाल मंडल के परिवहन संगठनों ने आज (29 अक्टूबर) एक दिन के पूर्ण चक्का जाम की घोषणा की है। इस विरोध का असर ऋषिकेश, टिहरी, श्रीनगर, पौड़ी समेत समूचे पर्वतीय क्षेत्रों में सड़क परिवहन व्यवस्था पर पड़ रहा है। देहरादून की यूनियनें भी इस आंदोलन के समर्थन में शामिल हैं।

टिहरी गढ़वाल मोटर ओनर्स यूनियन (टीजीएमओ) कार्यालय में हुई बैठक में ट्रक, डंपर, बस, विक्रम, ऑटो, ई-रिक्शा और ई-ऑटो चालक संगठनों के प्रतिनिधि मौजूद रहे। यूनियन अध्यक्ष जितेंद्र नेगी ने बताया कि हाल ही में देहरादून में परिवहन सचिव के साथ हुई मीटिंग में कई मांगों पर सहमति बनी, लेकिन अब तक किसी भी मुद्दे पर ठोस कदम नहीं उठाए गए।

परिवहन संगठनों का कहना है कि बीते साल लोडिंग कैपेसिटी बढ़ाने को लेकर आंदोलन के बाद विभाग ने 21 दिन में समाधान का वादा किया था, लेकिन करीब एक वर्ष बीत गया और आज तक कोई कार्यवाही नहीं हुई। न तो भेजे गए प्रस्ताव लागू हुए और न ही किसी मांग पर निर्णय आया।

गढ़वाल ट्रक एसोसिएशन अध्यक्ष दिनेश बहुगुणा और बिजेंद्र कंडारी ने सरकार पर परिवहन क्षेत्र की समस्याओं को नजरअंदाज करने का आरोप लगाया। अन्य सभी यूनियन नेताओं की सहमति के बाद संयोजक संजय शास्त्री ने चक्का जाम का ऐलान किया।

RTO का जवाब:

इस आंदोलन को रोकने के लिए एआरटीओ (प्रशासन) रावत सिंह कटारिया और एआरटीओ (प्रवर्तन) रश्मि पंत ने प्रतिनिधियों से बातचीत की। अधिकारियों का दावा है कि—

-10 में से लगभग 80% मांगे विभाग स्तर पर निपटा दी गई हैं
-वाहनों की फिटनेस जांच फिर से कार्यालय परिसर में की जाएगी
-एक वर्ष के लिए टैक्स माफी का प्रस्ताव भेजा गया है
-चालकों को आर्थिक सहायता पर विचार जारी
-आपदा में अधिग्रहित वाहनों का किराया बढ़ाया जाएगा
-ट्रकों की भार क्षमता पर जल्द निर्णय
-राष्ट्रीय परमिट व्यवस्था को एक समान बनाने की दिशा में काम

लिखित आश्वासन तक आंदोलन जारी:

परिवहन संगठनों ने स्पष्ट किया है कि केवल मौखिक भरोसा पर्याप्त नहीं, सरकार से लिखित आदेश मिलने तक हड़ताल जारी रहेगी।

आज पूरे गढ़वाल मंडल में
>यात्री परिवहन
>मालवाहन सेवा
दोनों प्रभावित रहेंगी।

जनता, व्यापारियों और आवश्यक सेवाओं को इस चक्का जाम का असर झेलना पड़ सकता है। परिवहन यूनियनों का कहना है कि यह कदम सरकार को वर्षों से लंबित मांगों पर कार्रवाई के लिए जगाने को मजबूर करेगा।

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