राष्ट्रीय

मैरीटाइम सेक्टर में निवेश का सही समय: पीएम मोदी बोले– भारत बनेगा वैश्विक ‘प्रकाशस्तंभ’

Listen to this News

मुंबई। इंडिया मैरीटाइम वीक–2025 के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को मैरीटाइम लीडर्स कॉन्क्लेव को संबोधित करते हुए कहा कि समुद्री परिवहन क्षेत्र में निवेश का यह सबसे बेहतर समय है। उन्होंने वैश्विक उद्योग जगत को भारत के बढ़ते पोत-परिवहन बाजार का हिस्सा बनने की अपील की।

प्रधानमंत्री ने कहा कि बदलते वैश्विक हालात, व्यापारिक बाधाओं और आपूर्ति प्रणाली में उथल-पुथल के बीच, भारत दुनिया के लिए स्थिरता का केंद्र बनकर उभर सकता है। उनके अनुसार—
“जब दुनिया हलचल में हो, तब एक भरोसेमंद दिशा-सूचक की जरूरत होती है और भारत वही प्रकाशस्तंभ बन सकता है।”

PM की शीर्ष प्राथमिकताएँ:

>समुद्री अवसंरचना में तेज विस्तार

>लॉजिस्टिक्स लागत में कमी

>वैश्विक शिपिंग नेताओं के साथ तकनीकी साझेदारी

>पोर्ट कनेक्टिविटी और जलमार्गों में सुधार

मोदी ने इस दौरान डीपी वर्ल्ड, AP Moller-Maersk, MSC, Adani Ports एवं CMA-CGM समेत विश्व की अग्रणी शिपिंग कंपनियों के शीर्ष अधिकारियों से मुलाकात की।

भारत का पोर्ट सेक्टर तेजी से मजबूत:

PM मोदी के अनुसार—

>150+ मैरीटाइम सुधार लागू

>बंदरगाह क्षमता लगभग दोगुनी

>कार्गो मूवमेंट में 700% की वृद्धि

>सक्रिय जलमार्ग 3 से बढ़कर 32

उन्होंने बताया कि औपनिवेशिक दौर के पुराने कानून हटाकर आधुनिक और व्यवसाय-फ्रेंडली नियम लागू किए जा चुके हैं।

बड़े निवेश समझौते:

इवेंट में श्यामा प्रसाद मुखर्जी पोर्ट (कोलकाता) को 48,000 करोड़ रुपये से अधिक के निवेश प्रस्ताव मिले।

प्रमुख कंपनियाँ व अनुमानित निवेश—

>हल्दिया पेट्रोकेमिकल्स — ₹10,000 करोड़

>ड्रेजिंग कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया — ₹5,000 करोड़

>अडाणी पोर्ट्स, JSW इन्फ्रा और सेंचुरी पोर्ट्स — शेष निवेश प्रस्ताव

 

लॉजिस्टिक कॉस्ट घटाने की दिशा में कदम:

पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा—

>सरकारी ऑयल कंपनियों की ढुलाई मांग को जोड़ा जाएगा

>भारतीय जहाज कंपनियों को लॉन्ग-टर्म कॉन्ट्रैक्ट

>समुद्री ढुलाई महंगी न पड़े, इस पर फोकस

पुरी ने अनुमान जताया कि भारत का मैरीटाइम सेक्टर
2047 तक 8 लाख करोड़ डॉलर का निवेश आकर्षित कर सकता है।

 

अर्थव्यवस्था को लेकर सकारात्मक संकेत:

मुख्य आर्थिक सलाहकार वी. अनंत नागेश्वरन ने कहा—

>वैश्विक चुनौतियों के बावजूद भारत की अर्थव्यवस्था मजबूत

>वित्त वर्ष 2025-26 में 7% GDP ग्रोथ संभावित

>भारत जल्द ही ‘A’ क्रेडिट रेटिंग श्रेणी में पहुँच सकता है

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button