CM हिमंत बिस्वा सरमा बोले — “शिक्षा नहीं, सोच तय करती है इंसान का रास्ता”

दिल्ली के लाल किले के पास हुए धमाके के मामले पर असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा का तीखा बयान सामने आया है। उन्होंने कहा कि “सिर्फ शिक्षित होना किसी के अच्छे इंसान होने की गारंटी नहीं है “। सरमा ने कहा कि अगर किसी के मन में खोट है, तो पढ़ाई-लिखाई उसे और खतरनाक बना देती है।
गुवाहाटी में मीडिया से बातचीत के दौरान सीएम ने कहा, “हमें सिखाया गया था कि अगर लोग शिक्षित होंगे तो समाज बेहतर बनेगा, लेकिन अब हालात उलटे हैं। कुछ पढ़े-लिखे लोग ही बम बना रहे हैं। शिक्षा उन्हें संवेदनशील नहीं, बल्कि ज्यादा खतरनाक बना रही है।”
उन्होंने कहा कि शिक्षा केवल ज्ञान देती है, लेकिन नैतिकता नहीं। “अगर किसी के इरादे गलत हैं, तो डॉक्टर बनने के बाद भी वो बुरे रास्ते पर जाएगा,” उन्होंने जोड़ा।
सरमा ने यह भी खुलासा किया कि गिरफ्तार किए गए डॉक्टरों में से एक ‘लव जिहाद’ में शामिल था। मुख्यमंत्री के अनुसार, “कॉलेज के समय वह हिंदू लड़कियों को फंसाकर मुस्लिम पुरुषों से शादी करवाने और धर्म परिवर्तन कराने में भूमिका निभाता था।”
सीएम सरमा ने आगे कहा, “जो लोग ‘वंदे मातरम’ नहीं गा सकते, वो कभी भारतीय नहीं हो सकते। अगर आप भारत माता को अपनी मां नहीं मानते, तो देश के प्रति निष्ठा कैसे रखेंगे?”
उन्होंने लोगों से सतर्क रहने की अपील करते हुए कहा कि ढिलाई दिखाना खतरे को न्योता देने जैसा है। “हमें पहलगाम और दिल्ली जैसी घटनाओं से सबक लेना होगा,” उन्होंने कहा।
गौरतलब है कि लाल किले मेट्रो स्टेशन के पास हुए ब्लास्ट केस में डॉ. उमर नबी समेत कई डॉक्टरों के नाम सामने आए हैं। उमर नबी अल-फलाह यूनिवर्सिटी के मेडिकल स्कूल में कार्यरत था। वहीं, डॉ. मुजम्मिल शकील और शाहीन सईद को भी आतंकी गतिविधियों से जुड़े होने के आरोप में हिरासत में लिया गया है। जांच एजेंसियां अब भी कई अन्य लोगों से पूछताछ कर रही हैं।



