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हिमाचल प्रदेश में बुधवार को बादल फटने और अचानक आई बाढ़ ने कुल्लू, शिमला और लाहौल-स्पीति जिलों में भारी तबाही मचाई।!!

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हिमाचल प्रदेश में बुधवार को बादल फटने और अचानक आई बाढ़ ने कुल्लू, शिमला और लाहौल-स्पीति जिलों में भारी तबाही मचाई। इन घटनाओं से घर, सड़कें और पुल क्षतिग्रस्त हो गए, जबकि निचले इलाकों में रहने वाले लोगों को सुरक्षित स्थानों पर भेजा गया।

कसौली-शिमला हाईवे को आसपास के क्षेत्रों में बादल फटने और बाढ़ के कारण बंद कर दिया गया है।

कुल्लू में दो अलग-अलग स्थानों पर बादल फटने से अचानक बाढ़ आई, जिससे गांव जलमग्न हो गए और कई वाहन बह गए। पहली घटना श्रीखंड महादेव पर्वत के भीमद्वारी के पास हुई, जिससे कुपर्ण नदी में पानी का तेज बहाव आया और निर्मंड उपमंडल के बागीपुल बाजार को खाली कराना पड़ा।

कुछ घंटे बाद, दूसरी घटना बंजार उपमंडल के बटाहर गांव के ऊपर हुई, जिसमें तीन वाहन, चार कॉटेज और कृषि भूमि का बड़ा हिस्सा नष्ट हो गया। तिर्थन नदी का जलस्तर बढ़ने से निचले इलाकों में पहले से ही लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा दिया गया।

कुल्लू के उपायुक्त तोरल एस. रवीश ने बताया कि किसी की मौत की खबर नहीं है, लेकिन संपत्ति को नुकसान हुआ है। उन्होंने कहा, “दोनों ही घटनाओं में बागीपुल और बटाहर से तुरंत लोगों को निकाला गया।”

लाहौल-स्पीति के धोधन, चंगुट, उदगोस और करपट गांवों में अचानक आई बाढ़ से घरों में मलबा और चट्टानें घुस गईं। करपट में बाढ़ का पानी घरों के करीब तक पहुंच गया, जिससे कई ढांचों को आंशिक नुकसान हुआ।

स्थानीय विधायक अनुराधा राणा ने मियार घाटी के स्कूलों को बंद करने की घोषणा की और कहा कि कोई जनहानि नहीं हुई है। उन्होंने सोशल मीडिया पर बताया, “सभी ग्रामीण सुरक्षित स्थानों पर हैं। चंगुट और उदगोस पुल बह जाने की खबर है। प्रशासन और विभागों को सुबह मौके पर जाकर स्थिति का आकलन करने के निर्देश दिए गए हैं।”

हिमाचल प्रदेश राज्य आपातकालीन संचालन केंद्र (SEOC) के अनुसार, प्रदेश में 323 सड़कें बंद हैं, जिनमें 179 केवल मंडी में हैं। इसके अलावा 130 पेयजल योजनाएं और 79 ट्रांसफॉर्मर प्रभावित हुए हैं। मौसम विभाग की चेतावनी को देखते हुए राहत और बचाव कार्य जारी हैं।

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