दुबई एयर शो में भारतीय तेजस लड़ाकू विमान दुर्घटनाग्रस्त: 24 साल में दूसरा हादसा, पायलट की मौत

दुबई एयर शो में आज एक बड़ा हादसा हो गया, जहाँ भारतीय वायुसेना का स्वदेशी तेजस (LCA Tejas) लड़ाकू विमान प्रदर्शन के दौरान क्रैश हो गया। तेजस की 2001 में पहली टेस्ट फ्लाइट के बाद से यह मात्र दूसरी दुर्घटना है। इस हादसे में पायलट समय रहते बाहर नहीं निकल पाए और उनकी मौत हो गई।
पहला तेजस हादसा — 2024 में जैसलमेर में दुर्घटना:
तेजस लड़ाकू विमान की पहली दुर्घटना 12 मार्च 2024 को राजस्थान के जैसलमेर में हुई थी। यह एक नियमित ट्रेनिंग sortie पर था। दोपहर करीब 2 बजे विमान शहर की एक कॉलोनी के पास स्थित स्टूडेंट हॉस्टल के मैदान में गिरा, जिसके बाद जोरदार धमाका हुआ और मलबे में आग लग गई।
इस हादसे में पायलट ने सुरक्षित रूप से इजेक्ट कर लिया था और जमीन पर किसी के घायल होने की सूचना नहीं थी।
बाद में सामने आए वीडियो में देखा गया कि विमान बिना पायलट के बेहद कम ऊंचाई पर उड़ते हुए अचानक नीचे गिरा। विमान का लैंडिंग गियर खुला हुआ था। पायलट का पैराशूट साफ दिखाई दे रहा था जब वे इजेक्ट होकर नीचे उतर रहे थे।
सुरक्षा को लेकर उठे प्रश्न और HAL का जवाब:
पहली दुर्घटना के बाद तेजस की सुरक्षा पर सवाल उठे थे, हालांकि हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) के वरिष्ठ अधिकारियों ने इन आशंकाओं को खारिज कर दिया था। HAL के चेयरमैन डी.के. सुनील ने कहा था कि तेजस का सुरक्षा रिकॉर्ड बेदाग है और भारतीय वायुसेना के बेड़े में मौजूद सभी 40 तेजस विमान सुरक्षित रूप से संचालित हो रहे हैं।
तेजस: भारत का आधुनिक हल्का लड़ाकू विमान:
तेजस को आधिकारिक रूप से 2016 में भारतीय वायुसेना में शामिल किया गया था। सबसे पहले इसे No. 45 Squadron ‘Flying Daggers’ में तैनात किया गया, और No. 18 Squadron ने इसे 2020 में ऑपरेट करना शुरू किया।
यह एक बहु-भूमिका (multi-role) लड़ाकू विमान है, जिसे आक्रामक हवाई अभियान, ग्राउंड ऑपरेशन के दौरान क्लोज सपोर्ट और विभिन्न युद्ध आवश्यकताओं के लिए डिजाइन किया गया है।
तेजस अपने वर्ग में सबसे छोटा और सबसे हल्का लड़ाकू विमान माना जाता है, जिसका श्रेय इसके कंपोज़िट स्ट्रक्चर और उन्नत डिज़ाइन को जाता है।



