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फैमिली पेंशन नियमों में बड़ा बदलाव: अब हर साल माता-पिता को देना होगा लाइफ सर्टिफिकेट

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केंद्र सरकार ने फैमिली पेंशन प्राप्त करने वाले माता-पिता के लिए एक महत्वपूर्ण बदलाव लागू किया है। अब उन अभिभावकों को, जिन्हें अपने दिवंगत पुत्र या पुत्री (जो सरकारी सेवा में कार्यरत थे) के निधन के बाद पारिवारिक पेंशन (Family Pension) मिलती है, हर साल लाइफ सर्टिफिकेट (Life Certificate) जमा करना अनिवार्य होगा।

यह नया निर्देश पेंशन एवं पेंशनभोगी कल्याण विभाग (DoPPW) ने जारी किया है, जो कि केंद्रीय कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन मंत्रालय के अधीन आता है। इस कदम का उद्देश्य पेंशन के गलत भुगतान को रोकना और यह सुनिश्चित करना है कि पेंशन केवल पात्र व्यक्ति को ही मिले।

क्या कहा गया है नए निर्देश में:
DoPPW के मुताबिक, अगर कोई सरकारी कर्मचारी अविवाहित, विधुर या विधवा रहते हुए बिना संतान के निधन हो जाता है, तो उसके माता-पिता को पारिवारिक पेंशन का हक होगा।

>यदि दोनों जीवित हैं, तो उन्हें मृतक के अंतिम वेतन का 75% पेंशन के रूप में मिलेगा।

>यदि सिर्फ एक अभिभावक जीवित है, तो पेंशन दर घटकर 60% हो जाएगी।

>अगर किसी एक का निधन हो जाता है, तो जीवित अभिभावक को 60% की दर से पेंशन जारी रहेगी।

पहले क्या था नियम:
अब तक ऐसे मामलों में हर साल लाइफ सर्टिफिकेट देना जरूरी नहीं था। इसी कारण कई बार ऐसा हुआ कि किसी एक अभिभावक के निधन के बाद भी 75% की दर से पेंशन मिलती रही। नए निर्देश से अब यह स्थिति खत्म हो जाएगी और पेंशन की दर वास्तविक स्थिति के अनुसार तय होगी।

सरकार का उद्देश्य:
सरकार का कहना है कि नया प्रावधान पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करेगा। इससे गलत या अनजाने में जारी हुई पेंशन पर रोक लगेगी और सरकारी निधि का सही उपयोग हो सकेगा।

लाइफ सर्टिफिकेट की अंतिम तिथि:
सभी पेंशनरों को हर वर्ष 30 नवंबर तक अपना जीवन प्रमाण पत्र जमा करना अनिवार्य होगा। यदि कोई पेंशनर तय समय पर यह प्रमाण पत्र नहीं देता, तो दिसंबर से उसकी पेंशन अस्थायी रूप से रोक दी जाएगी।

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