राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा—भारत बनेगा फुटवियर निर्यात का वैश्विक नेतृत्वकर्ता, छात्रों को दी नवाचार की सीख

फुटवियर डिज़ाइन एंड डेवलपमेंट इंस्टीट्यूट (FDDI) के दीक्षांत समारोह में सोमवार को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि भारत दुनिया के सबसे बड़े फुटवियर निर्यातकों में शामिल है और इस क्षेत्र में व्यापार विस्तार की अपार संभावनाएँ मौजूद हैं। उन्होंने कहा कि तेज़ी से बढ़ रहे स्पोर्ट्स फुटवियर और नॉन-लेदर उत्पाद उद्योग भविष्य में बड़े निवेश और रोजगार का रास्ता खोल सकते हैं।
राष्ट्रपति मुर्मू ने बताया कि वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय निवेश आकर्षित करने और निर्यात क्षमता बढ़ाने के लिए नई-नई सहायक नीतियाँ लागू कर रहा है।
उन्होंने कहा,
“भारत पहले से ही वैश्विक फुटवियर निर्यात में प्रमुख भूमिका निभा रहा है। लेकिन निर्यात को और तेज़ी देने के लिए उद्योग को इससे भी अधिक विस्तार की आवश्यकता है।”
भारत का बढ़ता फुटवियर व्यापार:
>वित्त वर्ष 2024-25 में भारत के फुटवियर निर्यात 2.5 बिलियन डॉलर से अधिक रहे, जबकि आयात लगभग 680 मिलियन डॉलर तक सीमित रहे।
>राष्ट्रपति ने कहा कि भारत दुनिया में उत्पादन और खपत—दोनों में दूसरे स्थान पर है और आने वाले समय में यह देश इस क्षेत्र में वैश्विक नेतृत्व हासिल कर सकता है।
Piyush Goyal ने बताए नए अवसर:
कार्यक्रम में वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि भारत के फ्री ट्रेड एग्रीमेंट्स (FTAs) उद्योगों के लिए नए बाज़ार खोल रहे हैं और फुटवियर सेक्टर इसका बड़ा लाभ उठा सकता है।
उन्होंने बताया कि भारतीय फुटवियर की गुणवत्ता और डिज़ाइन को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सराहा जा रहा है और Prada जैसी वैश्विक ब्रांडें भारत के GI-टैग्ड कोल्हापुरी चप्पलों को अपने कलेक्शन में शामिल कर चुकी हैं।
गोयल ने FDDI के छात्रों से आगे बढ़कर नवाचार, नए बाजारों की खोज और उच्च गुणवत्ता वाले उत्पादों पर ध्यान देने की अपील की।



