संचार साथी ऐप: सरकार ने कहा, इंस्टॉल करना जरूरी नहीं, यूजर खुद कर सकते हैं डिलीट

संचार साथी ऐप को लेकर बढ़ते विवाद के बीच केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने स्पष्ट किया है कि इस ऐप को अपने फोन में रखना कोई अनिवार्यता नहीं है। यूजर चाहे तो इसे एक्टिवेट कर सकते हैं और चाहे तो डिलीट भी कर सकते हैं।
सिंधिया ने कहा कि इस ऐप के जरिए न तो कोई जासूसी होती है और न ही कॉल मॉनिटरिंग। उन्होंने बताया कि यह ऐप उपभोक्ताओं की सुरक्षा और फ्रॉड से बचाव के लिए बनाया गया है। यदि कोई इसे इस्तेमाल नहीं करना चाहता है, तो वह इसे अपने फोन से डिलीट कर सकता है या रजिस्टर नहीं कर सकता।
उन्होंने यह भी कहा कि ऐप के माध्यम से उपभोक्ता अपने मोबाइल फोन का IMEI नंबर फेक है या असली, यह आसानी से पहचान सकते हैं। संचार साथी पोर्टल और ऐप की मदद से अब तक 20 करोड़ डाउनलोड और डेढ़ करोड़ ऐप इंस्टॉल हो चुके हैं। इसके माध्यम से करीब पौने दो करोड़ फर्जी कनेक्शन डिसकनेक्ट किए गए, 20 लाख चोरी फोन ट्रेस किए गए और 7.5 लाख चोरी फोन उपभोक्ताओं के पास वापस पहुंचाए गए।
सिंधिया ने विपक्ष पर भी निशाना साधते हुए कहा कि संचार साथी एक जनभागीदारी का कदम है और इसका उद्देश्य केवल उपभोक्ता की सुरक्षा सुनिश्चित करना है।



