Lenskart IPO: हाई वैल्यूएशन पर सवाल, क्या लंबी रेस का घोड़ा साबित होगा?

ऑप्टिकल रिटेल कंपनी Lenskart Solutions का बहुप्रतीक्षित आईपीओ आखिरकार 31 अक्टूबर को खुल गया है। निवेशकों को इस इश्यू में हिस्सा लेने के लिए 4 नवंबर तक का मौका मिलेगा। हालांकि, लेंसकार्ट के वैल्यूएशन को लेकर मार्केट में बड़ी चर्चा हो रही है। कंपनी का अपर प्राइस बैंड ₹402 रखा गया है और FY25 की अनुमानित कमाई के हिसाब से इसका P/E रेशियो 235–238 गुना बताया जा रहा है, जिस पर विशेषज्ञों ने सवाल उठाए हैं।
कंपनी का सफर और मौजूदा विस्तार:
2008 में शुरू हुई Lenskart आज दुनिया के करीब 2800 स्टोर्स का नेटवर्क चला रही है।
इनमें से 2137 स्टोर भारत में हैं। कंपनी चश्मे, सनग्लासेस और कॉन्टैक्ट लेंस हाइब्रिड मॉडल के जरिए बेचती है—यानी ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों प्लेटफॉर्म पर बिक्री।
फाइनेंशियल परफॉर्मेंस में सुधार:
>FY25 में कंपनी का रेवेन्यू ₹6652 करोड़ तक पहुंच गया
>EBITDA मार्जिन 6.9% से बढ़कर 14.7% हो गया
>जबकि FY23 में कंपनी को ₹64 करोड़ का घाटा झेलना पड़ा था
इसी सुधार के बावजूद ब्रोकरेज फर्म्स का मानना है कि वैल्यूएशन अभी भी काफी ऊंचा है।
ब्रोकरेज हाउस की राय:
SBI Securities के अनुसार कंपनी का 10.1x EV/Sales और 68.7x EV/EBITDA
प्रतिद्वंदियों की तुलना में बहुत महंगा है
Nirmal Bang ने भी इसी तरह की चेतावनी दी है
लॉन्ग-टर्म में ठीक हो सकता है, पर लिस्टिंग के समय प्रदर्शन सुस्त रह सकता है
क्यों फिर भी आकर्षक है लेंसकार्ट?
भारत का आईवियर मार्केट अभी लगभग ₹74,000 करोड़ जो FY2030 तक ₹1.48 लाख करोड़ तक जा सकता है कंपनी अगले 3 साल में 620 नए स्टोर खोलने की योजना लेकर चल रही है छोटे शहरों और टेक-ड्रिवन मॉडल पर फोकस—सबसे बड़ा USP अगर यह विस्तार योजना सही तरह लागू हुई, तो कंपनी को भारी लाभ मिल सकता है। लेकिन थोड़ी भी चूक हुई तो शेयर बाजार में दबाव बन सकता है।
निवेशकों के लिए सलाह:
एक्सपर्ट्स का कहना है कि यह आईपीओ उन लोगों के लिए बेहतर हो सकता है जो लॉन्ग-टर्म दृष्टि से निवेश करना चाहते हैं। जल्दी मुनाफे की सोच रखने वालों को सावधानी बरतनी चाहिए।
> यह निवेश सलाह नहीं है। शेयर बाजार जोखिम के अधीन है। किसी भी निर्णय से पहले अपने वित्तीय सलाहकार से सलाह लें।



