
मुंबई में एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है, जहां अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के नाम पर फर्जी आधार कार्ड बनवाया गया। इस मामले में आरोप महाराष्ट्र के विधायक और शरद पवार की एनसीपी (शरदचंद्र पवार गुट) के नेता रोहित पवार पर लगा है। रोहित का कहना है कि उन्होंने यह कदम सिस्टम में मौजूद खामियों को उजागर करने और फर्जीवाड़े की पोल खोलने के उद्देश्य से उठाया था।
दरअसल, फर्जी वेबसाइट और नकली दस्तावेजों के जरिए ट्रंप का आधार कार्ड बनवाने के बाद, रोहित पवार ने 16 अक्टूबर को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर इसकी जानकारी सार्वजनिक की थी। हालांकि अब भाजपा की शिकायत पर मुंबई साउथ साइबर पुलिस ने रोहित पवार, वेबसाइट डेवलपर और अन्य शामिल लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली है।
भाजपा का आरोप: राष्ट्रीय सुरक्षा के साथ खिलवाड़
बीजेपी नेताओं का कहना है कि इस तरह की हरकत से आम नागरिक भ्रमित हो सकते हैं, सरकारी संस्थानों पर विश्वास कम हो सकता है ,सामाजिक तनाव भी बढ़ सकता है
पार्टी का दावा है कि यह कार्रवाई राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा हो सकती है।
“हमने सिर्फ गड़बड़ी उजागर की” — रोहित पवार
इस मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए रोहित पवार ने कहा:
> “मैंने किसी को नुकसान नहीं पहुँचाया। बस सिस्टम की कमजोरियां दिखाईं। मेरे खिलाफ बेवजह केस दर्ज किया गया है।”
उन्होंने दोहराया कि बड़ी संख्या में फर्जी मतदाता पहचान पत्र भी इसी तरीके से बनाए जा रहे हैं, जिस पर चुनाव प्रक्रिया पर गंभीर सवाल खड़े होते हैं।
वोटर लिस्ट में अचानक बड़ा उछाल
रोहित ने दावा किया कि आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार—
2019 से 2024 के बीच 32 लाख नए मतदाता जुड़े
लेकिन सिर्फ आगामी विधानसभा चुनावों से पहले 6 महीनों में 48 लाख नए नाम जुड़ गए
उनका आरोप है कि यह बढ़ोतरी वोट हेराफेरी का संकेत हो सकती है।
पुलिस ने जांच शुरू की:
मुंबई पुलिस अब यह पता लगाने में जुटी है कि—
इस फर्जी Aadhaar कार्ड निर्माण में और कौन शामिल था
कौन-सी तकनीक का इस्तेमाल किया गया
और क्या इस तरह के अन्य मामलों का भी संबंध है



