कृष्ण भक्त विदेशी दुल्हन ने रचाई संतानी रीति से शादी, लाल बनारसी साड़ी में दिखीं लक्ष्मी समान

भारत में विवाह केवल दो लोगों का मिलन नहीं, बल्कि आत्माओं का पवित्र बंधन माना जाता है। सनातन धर्म के अनुसार यह बंधन सात जन्मों तक चलता है और इसे शिव–शक्ति के मिलन के समान माना जाता है। इसी दिव्यता का एक खूबसूरत उदाहरण हाल ही में तब देखने को मिला जब एक विदेशी कृष्ण भक्त दुल्हन ने पूरी तरह से संतानी रीति-रिवाजों के अनुसार विवाह किया।
लाल बनारसी साड़ी में विदेशी दुल्हन का सौंदर्य:
यह विदेशी दुल्हन, जिनका नाम स्यामा है, इंस्टाग्राम पर एक देवता कॉस्मेटोलॉजिस्ट के रूप में जानी जाती हैं। वह कृष्ण शिला को मिट्टी से जगन्नाथ और अन्य देवताओं के रूप में आकार देती हैं। भारतीय देवी–देवताओं के प्रति उनका प्रेम उनके हर काम में साफ झलकता है।
अपनी शादी के लिए स्यामा ने लाल बनारसी साड़ी चुनी, जिस पर सुनहरे धागों की कढ़ाई और चौड़ा बॉर्डर था। साड़ी को पारंपरिक अंदाज़ में पहना गया था और कमर पर सोने का कमरबंध उनकी सुंदरता और भी बढ़ा रहा था।
भारी सोने के गहनों में दुल्हन दिखीं देवी लक्ष्मी जैसी:
स्यामा का गहनों का चयन भी उतना ही शानदार था। उन्होंने गोल्ड चोकर, टेंपल नेकलेस और मोतियों की एक हल्की लेयर वाली माला पहनी। साथ ही मैचिंग इयररिंग्स, माथापट्टी, नथ और हाथफूल उनके लुक में चार चांद लगा रहे थे। हाथों में लाल चूड़ियों और गोल्ड हाथफूल ने पूरा सौंदर्य निखार दिया।
उनका मेकअप बेहद सॉफ्ट और क्लासी था—हल्का आईशैडो, हाईलाइटेड चीक्स और आंखों पर व्हाइट लाइनर। लेकिन उनके लुक की असली पहचान था उनका कृष्ण तिलक, जो चंदन का U-शेप तिलक, लाल बिंदी और नाक पर तुलसी की पत्ती का पैटर्न होता है। यह तिलक कृष्ण भक्तों के लिए एक दिव्य चिह्न माना जाता है।
लंबी चोटी और पारंपरिक हेयरस्टाइल ने उन्हें सचमुच देवी लक्ष्मी जैसा रूप दिया।
दुल्हा भी तैयार हुआ भारतीय परंपरा में:
दूल्हे ने क्रीम कलर का बंदगला कुर्ता और पारंपरिक धोती पहनी। पूरी शादी संतानी रीति-रिवाजों से सम्पन्न की गई जिसने सोशल मीडिया पर लोगों का दिल जीत लिया है।
यह अनोखा विवाह इस बात का सुंदर उदाहरण है कि भारतीय संस्कृति और सनातन परंपराएं सीमाओं से कहीं आगे जाकर लोगों के दिलों को छूती हैं।



