कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शिवराज पाटिल का निधन: देश ने खोया एक गरिमामयी और विद्वान राजनेता

पूर्व केंद्रीय गृहमंत्री और वरिष्ठ कांग्रेस नेता शिवराज पाटिल का शुक्रवार सुबह (12 नवंबर 2025) महाराष्ट्र के लातूर में उनके पैतृक निवास पर निधन हो गया। 90 वर्षीय पाटिल पिछले कुछ समय से बीमार थे। उनके परिवार में बेटा शैलेश पाटिल, बहू अर्चना (जो बीजेपी नेता हैं) और दो पोतियाँ हैं।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने X पर शोक व्यक्त करते हुए कहा कि पाटिल के निधन से “एक प्रतिष्ठित सार्वजनिक व्यक्तित्व” का निधन हुआ है। उन्होंने उनके लंबे राजनीतिक करियर और महत्वपूर्ण संवैधानिक पदों पर निभाई भूमिका को याद किया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी संवेदना व्यक्त करते हुए लिखा, “शिवराज पाटिल जी का निधन दुखद है। उन्होंने विधायक, सांसद, केंद्रीय मंत्री, महाराष्ट्र विधानसभा के स्पीकर और लोकसभा अध्यक्ष के रूप में लंबे समय तक देश की सेवा की। उनका समाज के welfare के प्रति जुनून हमेशा याद रहेगा।”
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने उन्हें “उत्कृष्ट गरिमा वाले राजनेता” बताया और कहा कि उनके साथ जुड़े कई यादगार पल हमेशा स्मरणीय रहेंगे।
राहुल गांधी ने भी उनके निधन को “कांग्रेस और देश के लिए अपूरणीय क्षति” कहा।
गृह मंत्री अमित शाह ने उन्हें “विस्तृत ज्ञान वाले नेता” के रूप में याद किया।
शिवराज पाटिल का सार्वजनिक जीवन:
>अपने राजनीतिक सफर की शुरुआत लातूर नगर परिषद के प्रमुख के रूप में की।
>महाराष्ट्र विधानसभा के विधायक रहे।
>1991–1996 तक लोकसभा अध्यक्ष रहे।
>2004–2008 तक केंद्रीय गृहमंत्री रहे।
>26/11 हमलों के बाद विवादों के चलते उन्हें पद छोड़ना पड़ा, लेकिन उन्होंने कभी अपनी पार्टी या विपक्ष से नाराज़गी नहीं जताई।
>2010–2015 तक पंजाब के राज्यपाल और चंडीगढ़ के प्रशासक रहे।
वे अपनी सधी हुई वाणी, बेहतरीन व्यक्तित्व, तीन भाषाओं में प्रवीणता और संविधान की गहरी समझ के लिए जाने जाते थे।



