दिवाली का त्योहार 2025 में बच्चों के लिए खुशियों का पैकेज लेकर आया है। रंग-बिरंगी रोशनी, मिठाइयां और पटाखों का उत्साह बच्चों के चेहरे पर झलकता है। लेकिन इस खुशी के बीच पेरेंट्स की जिम्मेदारी बनती है कि बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित की जाए। हर साल दिवाली पर आतिशबाजी से होने वाली चोटों और दुर्घटनाओं की खबरें सामने आती रहती हैं, इसलिए इस बार सावधानी और भी जरूरी है।
फोर्टिस अस्पताल, ग्रेटर नोएडा के बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. कुशाग्र गुप्ता का कहना है कि बच्चों को हमेशा बड़े की निगरानी में ही पटाखे जलाने दें। उन्हें सिंथेटिक कपड़े पहनाने से बचाएं और उन्हें समझाएं कि असली ‘हीरो’ वही है जो सुरक्षित रहते हुए पटाखों का आनंद ले। किसी भी चोट या जलन की स्थिति में तुरंत ठंडे पानी से प्रभावित हिस्से को धोकर नजदीकी आपातकालीन केंद्र से संपर्क करें।
बच्चों के लिए पटाखे जलाते समय पेरेंट्स की सावधानियां:
1. बच्चों को अकेला न छोड़ें: बच्चों को पटाखे हमेशा किसी बड़े के साथ ही जलाने दें।
2. सुरक्षित दूरी बनाए रखें: अनार, फुलझड़ी या रॉकेट जलाते समय 5-10 फीट की दूरी जरूरी है।
3. सुरक्षित कपड़े पहनाएं: कॉटन के फिट कपड़े और बंद जूते पहनाएं। नायलॉन या ढीले कपड़े न पहनाएं।
4. सही जगह का चुनाव करें: खुले और सपाट स्थानों में ही पटाखे जलाएं। पेड़, बिजली के तार या ज्वलनशील पदार्थों के पास न जलाएं।
5. फर्स्ट-एड किट तैयार रखें: पास में बर्न क्रीम, पट्टियां और ठंडे पानी की बाल्टी रखें।
सलाह:
बच्चों को ज्यादा पटाखे जलाने से रोकें। कम धुएं और कम शोर वाले ग्रीन पटाखों का चुनाव करें।



