कड़कड़डूमा कोर्ट में बवाल: पूर्व CJI पर जूता फेंकने वाले निलंबित वकील की 100 से ज्यादा लोगों ने की पिटाई का दावा

दिल्ली के कड़कड़डूमा कोर्ट में बुधवार को निलंबित वकील राकेश किशोर के साथ बड़ी घटना हुई। पूर्व CJI बी.आर. गवई पर जूता फेंकने के आरोपी किशोर ने दावा किया कि कोर्ट परिसर में लगभग 100–150 लोगों की भीड़ ने उन्हें चप्पलों से पीटने की कोशिश की।
सोशल मीडिया पर एक वीडियो भी सामने आया है, जिसमें कुछ लोग किशोर पर हाथ उठाते दिख रहे हैं, जबकि कुछ उन्हें भीड़ से बचाने की कोशिश कर रहे हैं। वीडियो में किशोर भीड़ से बहस करते हुए भी दिखाई देते हैं।
किशोर ने कहा कि जब उन्होंने लोगों से पूछा कि उन्हें क्यों मारा जा रहा है, तो उन्हें जवाब मिला कि यह “CJI गवई के साथ किए गए व्यवहार की सज़ा” है। उनका दावा है कि भीड़ ने कहा—
“तुमने सनातन धर्म का अपमान किया, इसलिए हम विरोध कर रहे हैं।”
मामला कैसे शुरू हुआ?
अक्टूबर में सुप्रीम कोर्ट की सुरक्षा में बड़ी चूक हुई थी, जब 71 वर्षीय राकेश किशोर ने जज गवई की कोर्ट में जूता फेंकने की कोशिश की। मौके पर सुरक्षाकर्मियों ने उन्हें तत्काल पकड़ लिया। बाहर ले जाते समय उन्होंने नारा लगाया—
“सनातन का अपमान नहीं सहेगा हिंदुस्थान।”
घटना के बाद बार काउंसिल ऑफ इंडिया ने उनकी वकालत पर तुरंत रोक लगा दी।
>पीएम मोदी ने क्या कहा?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उस समय CJI गवई से फोन पर बात कर हमले की निंदा की थी। उन्होंने कहा था—
“ऐसे कृत्यों का हमारे समाज में कोई स्थान नहीं है। यह हर भारतीय को आक्रोशित करता है।”
पीएम ने जज गवई के शांत स्वभाव की भी सराहना की थी।
>CJI गवई की प्रतिक्रिया
हाल ही में, गवई ने बताया कि उन्होंने वकील के खिलाफ कोई कार्रवाई न करने का फैसला अपनी व्यक्तिगत मूल्यों और संस्कारों के चलते लिया।



