बिहार विधानसभा का पहला सत्र: शपथ के दौरान गलती, टोकाटोकी और राजनीतिक गर्मजोशी की झलक

18वीं बिहार विधानसभा के पहले सत्र में सोमवार को नव-निर्वाचित विधायकों के शपथ ग्रहण के दौरान कई दिलचस्प और ध्यान खींचने वाले पल सामने आए।
शपथ के दौरान गलतियाँ और सुधार:
JDU विधायक विभा देवी, जो जेल में बंद बाहुबली राजबल्लभ यादव की पत्नी हैं, शपथ पढ़ते समय कई बार अटक गईं। उन्हें MLA मनोरमा देवी बार-बार टेक्स्ट पढ़ने में मदद करती रहीं, जिसके बाद उन्होंने टूटी-फूटी शब्दों में शपथ पूरी की।
इसी तरह, वारिसलीगंज से विधायक और अशोक माहतो की पत्नी अनीता देवी ने शपथ की शुरुआत बहुजन नेताओं के नाम लेकर और खुद को “बहुजन समाज की बेटी” बताकर की। प्रोटेम स्पीकर ने तुरंत उन्हें रोका और सिर्फ आधिकारिक पाठ पढ़ने का निर्देश दिया। इसके बाद उन्होंने दोबारा सही तरीके से शपथ ली।
पूर्व डिप्टी सीएम और BJP विधायक रेणु देवी ने भी पाठ में गलती कर दी, जिसके चलते शपथ फिर से दिलवाई गई।
राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता के बीच सौहार्द के संकेत:
मंत्रियों के बाद नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने शपथ ली। सत्र के दौरान उन्होंने डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी से अभिवादन किया।
डिप्टी सीएम विजय सिन्हा शपथ के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के पैर छुते दिखे। वहीं मंत्री रामकृपाल यादव ने तेजस्वी को गले लगाकर सौहार्द का संदेश दिया।
छह विधायक अनुपस्थित:
मोकामा से विजयी और जेल में बंद JDU MLA अनंत सिंह सहित कुल छह विधायक सत्र में उपस्थित नहीं हुए। इनकी शपथ अगले दिन के लिए टाल दी गई।
कई भाषाओं में शपथ:
>सत्र की एक खास बात यह रही कि विधायकों ने विभिन्न भाषाओं में शपथ ली।
>मैथिली में शपथ: अरुण शंकर प्रसाद, विनोद नारायण झा, सुजीत, सुधांशु, मिथिला की गायिका और सबसे युवा विधायक मैथिली ठाकुर >समेत कई विधायकों ने मैथिली में शपथ ली।
>उर्दू में शपथ: अबिदुर रहमान, कमरुल होदा, सरवर आलम, अख्तरुल इमान और मुरशिद आलम ने उर्दू में शपथ ली और अंत में “जय >बिहार, जय सीमांचल” का नारा लगाया।
>अंग्रेज़ी में शपथ: विष्णुदत्त पासवान, सिद्धार्थ सौरभ, चेतन आनंद और राहुल कुमार सिंह ने अंग्रेज़ी में शपथ ली।
>संस्कृत में शपथ: पूर्व उपमुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद समेत कई विधायकों ने संस्कृत में शपथ ली।
पारंपरिक लुक में मैथिली ठाकुर:
सबसे युवा विधायक मैथिली ठाकुर पारंपरिक मिथिला पोशाक—पगड़ी और मधुबनी प्रिंट की साड़ी—पहने नजर आईं, जिसने पूरे सदन का ध्यान खींचा।



