
भारत में यह कहावत अक्सर सुनी जाती है — “उम्र सिर्फ़ एक नंबर है”, लेकिन इसे हकीकत में साबित किया है महाराष्ट्र की 88 वर्षीय दादी ने, जिनका वीडियो इन दिनों इंटरनेट पर धूम मचा रहा है।
यह दादी जी पारंपरिक शिवकालीन मर्दानी खेल (Mardani Khel) की माहिर खिलाड़ी हैं। हाथ में लाठी और काठी लेकर उनका फुर्तीला प्रदर्शन देखकर अच्छे-अच्छों के पसीने छूट जाएं। न तो उनके कदम लड़खड़ाते हैं, न ही नजर डगमगाती — बस हर वार में जोश, संतुलन और अद्भुत आत्मविश्वास झलकता है।
वीडियो में देखा जा सकता है कि कैसे यह 88 वर्षीय महिला अपने शिष्य के साथ पारंपरिक शैली में मुकाबला करती हैं और एक के बाद एक सटीक वार करती हैं। देखने वाले दंग रह जाते हैं कि इतनी उम्र में भी उनमें युवा योद्धा जैसी ऊर्जा और दृढ़ता है।
वीडियो वायरल होने के बाद बॉलीवुड अभिनेता अक्षय कुमार भी खुद को रोक नहीं पाए। उन्होंने इसे अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर शेयर करते हुए लिखा —
> “इनसे सीखना चाहिए कि असली शक्ति उम्र में नहीं, हिम्मत में होती है। सलाम है ऐसी नारी शक्ति को।”
अक्षय कुमार, जो खुद मार्शल आर्ट्स और फिटनेस के शौकीन माने जाते हैं, दादी की कला देखकर पूरी तरह प्रभावित हुए। उन्होंने कहा कि यह भारतीय संस्कृति और परंपरा का ऐसा रूप है जिसे नई पीढ़ी को सीखना चाहिए।
सोशल मीडिया पर यूजर्स भी दादी जी की तारीफों के पुल बांध रहे हैं।
एक यूजर ने लिखा — “ये हैं भारत की असली ‘आयरन लेडी’!”
दूसरे ने कहा — “जहां आज के युवा थोड़ी थकान में हार मान लेते हैं, वहां ये दादी हमें सिखा रही हैं कि जोश कभी बूढ़ा नहीं होता।”
लोग इस वीडियो को ‘नारी शक्ति का असली उदाहरण’ बता रहे हैं। मर्दानी खेल की यह परंपरा छत्रपति शिवाजी महाराज के दौर से चली आ रही है, जिसमें महिलाएं और पुरुष दोनों आत्मरक्षा और शौर्य की कला सीखते थे।
यह 88 वर्षीय दादी अब न केवल सोशल मीडिया की स्टार बन गई हैं, बल्कि भारतीय परंपरा और साहस की जिंदा मिसाल भी बन गई हैं।



